आँखों में आंसू लिए अपने हक की लड़ाई लड़ रही शीला रावत, जानिए खबर
देहरादून | देहरादून निवासी शीला रावत संयम स्वभाव एवं जरूरतमंद बच्चो के शिक्षा के प्रति गंम्भीर रहने वाली आज अपने उस हक के लिए आवाज उठा रही है जो सात साल से एक संस्था के लिए अपना कर्म दिया पर उनके उस कर्म का ईनाम संस्था द्वारा नौकरी से निकाल के दिया है जी हां यह यह बयान दिया है यूसैक देहरादून में कार्यरत रही शीला रावत ने | विदित हो यूसैक द्वारा बिना कारण बताये, 7 साल से नियमित रूप से कार्य कर रही शीला रावत को अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया। कारण जानने कार्यालय पहुंची तो, गेट में भीतर से ताला जड़ा हुवा था। विदित हो की पिछले करीब दो माह से अपने अधिकारों के प्रति अकेली लड़ती आ रही शीला को आज विवश हो, कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा है । यही नहीं अपनी पीड़ा मीडिया , सोशल मीडिया /व्यक्तिगत रूप से बयां की तो विभिन्न सामाजिक/राजनितिक संगठनों से जुड़े लोग उनका समर्थन कर रहे है । इस विषय पर जब शीला रावत से विस्तृत जानकारी माँगी गयी तो उन्होंने कहा की मई इस संस्था में संविदा पर कार्यरत थी लेकिन कुछ समय पहले नए निदेशक नियुक्त होने के बाद संस्था निदेशक द्वारा हमे कार्यमुक्त कर दिया गया जब की इसी संविदा पर कुछ और भी लोग भी कार्यकर्त थे पर उनको नहीं हटाया गया मेरे आवाज उठाने पर टेक्निकल गलत न हो इस पर अब उन सभी संविदा पद को हटा दिया गया |