आयरनमैन बनाम अल्ट्रामैन जानिए ख़बर
एक लड़के ने कई साल पहले आईपीएस अधिकारी बनने का ख्वाब देखा। उसने उस ख्वाब को अपने पढ़ाई के जुनून से पूरा किया। खाकी वर्दी मिली और वह महाराष्ट्र चला आया। पुलिस की व्यस्त नौकरी में अमूमन लोग वक्त निकालने को तरस जाते हैं, पर कृष्ण प्रकाश की जिंदगी में कई और ख्वाब देखते रहे और इसे साकार करने के लिए देर रात कभी मुंबई से पुणे तक दौड़ते रहे, तो कभी नासिक तक साइकल भगाते रहे। पिछले साल फ्रांस में आयरन मैन बने इस जांबाज पुलिस अधिकारी को पिछले पखवाड़े जब ऑस्ट्रेलिया में एक और नाम- ‘अल्ट्रामैन’ मिला, वह देश के इकलौते सिविल सर्विस अधिकारी हैं, जिन्होंने आयरन मैन और अल्ट्रामैन दोनों को पूरा किया। कृष्ण प्रकाश कहते हैं कि आयरन मैन स्पर्धा एक दिन की स्पर्धा होती है। 16 घंटे के अंतराल में आपको 3.86 किलोमीटर तैराकी करनी होती है। 180. 20 किलोमीटर साइकलिंग करनी होती है और 42.20 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी पड़ती है। ‘मैंने पिछले साल इसे 14 घंटे 8 मिनट में पूरा किया था, जबकि अल्ट्रामैन तीन दिन का इवेंट है। यह बहुत ही कठिन स्पोर्ट्स इवेंट माना जाता है। पहले दिन आपको कुल 12 घंटे में 10 किलोमीटर की तैराकी के साथ 146 किलोमीटर से कुछ अधिक साइकलिंग भी करनी होती है। इसमें स्वीमिंग का कट ऑफ टाइम है- 6 घंटे से भी कम। दूसरे दिन सुबह साढ़े 5 बजे आपको साइकल प्रतियोगिता में फिर से भाग लेना पड़ता है। पहले दिन की साइकलिंग के बाद आपकी आगे की प्रकिया खत्म नहीं हो जाती।’ उन्होंने बताया, ‘तमाम दर्द, तमाम मोच और जख्म के बावजूद आपको दूसरे दिन 12 घंटे के अंदर ही 275 किलोमीटर साइकल चलानी पड़ती है। इन दो दिन की थकावट और दर्द के बावजूद तीसरे दिन आपको सुबह साढ़े 5 बजे 84.30 किलोमीटर रनिंग करनी होती है। यानी डबल मैराथन, वह भी अधिकतम 12 घंटे में। मतलब जहां एक दिन भाग लेने में ही आदमी का दम निकल जाए, वहां दूसरे और फिर तीसरे दिन के बारे में सोचना ही कइयों के लिए किसी डरावने सपने जैसा होता है। फिर आयरन मैन में 99 प्रतिशत पेशेवर ऐथलीट होते हैं, जबकि अल्ट्रामैन करना आम आदमी के लिए संभव ही नहीं है। आयरन मैन में ऐथलीट के अलावा ज्यादातर बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ भाग लेते हैं, क्योंकि उनके पास इतने संसाधन होते हैं, समय होता है। वह समय निकालकर डाइटीशिन रखते हैं, डॉक्टर रखते हैं, फीजियोथेरेपिस्ट रखते हैं। हम जैसे लोगों के लिए यह बहुत मुश्किल का काम है। कृष्ण प्रकाश के लिए यह मुश्किल कुछ खास वजहों से और भी चुनौतीपूर्ण बन गई थी। उन्होंने पिछले साल अगस्त में आयरन मैन स्पर्धा पूरी की थी। लेकिन मैंने तय किया मैं ऐसे खामोश नहीं बैठ सकता। मुझे आयरन मैन के बाद कुछ तो बड़ा करना ही है। तब मैंने गूगल सर्च करने का फैसला किया, तो मुझे अल्ट्रामैन का पता चला। मैंने फिर से सभी से चर्चा की।‘ सभी ने हतोत्साहित किया, पर एक आर्थोपीडिक सर्जन डॉक्टर आनंद पाटील ने उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके सामने फिर उन्होंने अल्ट्रामैन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया। दो महीने लगे। फ्रैक्चर सही नहीं हुआ था, पर जनवरी, 2018 में उन्होंने फिगरेट बैंडेज में ही धीरे-धीरे दौड़ने का फैसला किया और उसी महीने एक दिन 42 किलोमीटर की पूरी मैराथन दौड़ गए। थोड़ा आत्मविश्वास आया लेकिन साइकलिंग से फिर भी उन्हें डर लग रहा था, कृष्ण प्रकाश ने जब आयरन मैन में भाग लिया, तब भी परिवार व चंद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अलावा शायद ही किसी और को उसके बारे में बताया। जब वह अल्ट्रामैन प्रतियोगिता में भाग लेने गए, तब भी कुछ खास लोगों के अलावा किसी और को पता नहीं था। उन्होंने छुट्टी की जो अर्जी दी, उसमें छुट्टी लेने का कारण लिखा—क्रीड़ा और पर्यटन। वह कहते हैं, ‘लोगों को यदि किसी स्पर्धा में आपके भाग लेने का पहले से पता होता है और यदि आप उस स्पर्धा में असफल हो गए, तो कुछ लोग आपका मजाक उड़ाते हैं।
More from my site