उत्तरप्रदेश में परिवारवाद और जातिवाद नही विकासवाद चाहिए : मोदी
गोरखपुर उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गये भाषण में कहा की ये मेरा सौभाग्य है कि आज हम सबके प्रेरणा-पुरूष परमपूज्य अवैद्यनाथ जी महाराज जी का प्रतिमा का अनावरण करने के निमित, आप सबके आशीर्वाद पाने का मुझे अवसर मिला। ये धरती एक विशेष धरती है, बुद्ध हो, महावीर हो, कबीर हो हर किसी का इससे किसी न किसी रूप में अटूट नाता रहा है। गोरक्शनाथ एक महान परंपरा, जो सिर्फ व्यक्ति की उन्नति नहीं, लेकिन व्यक्ति की उन्नति के साथ-साथ समाज की भी उन्नति, उस महान लक्ष्य को लेकर के एक परंपरा चली। कई बार समाज में परंपराओं का जब दीर्धकाल हो जाता है, तो धीरे-धीरे उसमें कुछ कमियां आना शुरू हो जाती है, कुछ कठिनाईयां आना शुरू हो जाती है। लेकिन जब परंपरा के आदर्शों को, नियमों का पूरी तरह पालन किया जाता है, तो उन परंपराओं को परिस्थितियों के दबाव से मुक्त रखा जा सकता है। मैं गोरक्शनाथ के द्वारा प्रारम्भ हुई इस परंपरा में…क्योंकि जब मैं गुजरात में था वहां भी बहुत सारे स्थान है, कभी अवैद्यनाथ जी के साथ एक बार मैं बैठा था, राजनीति में आने से पहले मेरा उनका सम्पर्क था। इस पूरी व्यवस्था का संचालन कैसे होता है, नीति नियमों का पालन कैसे होता है इस परंपरा से निकला हुआ संत कहीं पर भी हो, उसकी पूरी जानकारी कैसे रखी जा सकती है, उसको कोई आर्थिक संकंट हो तो कैसे उसको मदद पहुंचायी जाती है और कैसी organised way में व्यवस्था है, वो कभी मैंने महंत जी के पास से सुना था और उस परंपरा को आज भी बरकरार रख रहा है। इसके लिए, इस गद्दी पर जिन जिन लोगों को सेवा करने को सौभाग्य मिला है, उन सबका एक उत्तम से उत्तम योगदान रहा है। और उसमें महंत अवैद्यनाथ जी ने, चाहे आजादी की लड़ाई हो चाहे आजादी के बाद समाज के पुनर्निर्माण का काम हो लोकतांत्रिक ढांचे में बैठ करके तीर्थस्थान के माध्यम से भी सामाजिक चेतना को कैसे जगाया जा सकता है और बदली हुई परिस्थिति का लाभ, जन सामान्य तक कैसे पहुंचाया जा सकता है, उस पहलू को देखते हुए उन्होंने अपने जीवन में इस एक आयाम को भी जोड़ा था, जिसको आज योगी जी भी आगे बढ़ा रहे हैं | उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर उन्होंने कहा की जब तक उत्तरप्रदेश में परिवारवाद और जातिवाद रहेगा तब तक विकासवाद की बात बेईमानी रहेगी |