गंगा से गाद निकालने के लिए चितले समिति ने कई उपायों की सिफारिश
गंगा से गाद निकालने के लिए चितले समिति ने कई उपायों की सिफारिश की है, जिनमें गाद हटाने के कार्य के लिए वार्षिक गाद बजट से सबसे अधिक गाद हटाने की प्रक्रिया का अध्ययन करना, पहले हटाई गई तलछट/गाद के बारे में बताते हुए वार्षिक रिपोर्ट(रेत पंजीयन) तैयार करना और तलछट बजट बनाने का कार्य एक तकनीकी संस्थान को सौंपा जा सकता है, आकृति और बाढ़ प्रवाह का अध्ययन जिसमें सबसे अधिक गाद वाले स्थान से गाद हटाने की आवश्यकता का निरीक्षण और पुष्टि करने पर विचार किया जाना शामिल है। जल संसाधन नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्रालय ने भीमगौड़ा(उत्तराखंड) से फरक्का(पश्चिम बंगाल) तक गंगा नदी की गाद निकालने के लिए दिशा निर्देश तैयार करने के वास्ते जुलाई 2016 में इस समिति का गठन किया था। राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) के विशेष सदस्य माधव चितले को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। समिति के अन्य सदस्य जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्रालय में सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव और केन्द्रीय जल तथा विद्युत अनुसंधान स्टेशन, पुणे के निदेशक डॉक्टर मुकेश सिन्हा थे। समिति से गाद और रेत खनन के बीच अंतर करने तथा पारिस्थितिकी और गंगा नदी के ई-प्रवाह के लिए गाद हटाने की आवश्यकता के बारे में बताने को कहा गया था।