डॉ. हर्षवर्धन ने पर्यावरण मंत्री का पदभार किया ग्रहण
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां आईपी भवन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री का पदभार ग्रहण किया। पिछले बृहस्पतिवार को केन्द्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे का आकस्मिक निधन हो गया था। डॉ. हर्षवर्धन ने आईपी भवन के परिसर में स्वर्गीय अनिल माधव दवे की याद में एक पौधा लगाकर अपने कार्य की शुरूआत की। पदभार ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा कि वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन का मंत्री पद पाकर अनुगृहीत हैं तथा स्वर्गीय अनिल माधव दवे को याद करते हुए कहा कि वे नदी संरक्षण तथा पर्यावरण के प्रति समर्पित थे। श्री दवे पर्यावरण का संरक्षण बच्चों के लिए करना चाहते थे। इसमें बच्चों के प्रति उनका स्नेह दिखाई पड़ता है। दवे जी ने देश की नदियों, वनों तथा पारितंत्र के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किया। पर्यावरण के प्रति उनका यह समर्पण उन्हें एक महान पर्यावरणविद बनाता है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अनिल माधव दवे कहा करते थे, ‘यदि मैं कर सकता हूं तो हम सभी कर सकते हैं।’ मंत्री महोदय ने जोर देते हुए कहा कि मंत्रालय, स्वर्गीय दवे की अंतिम इच्छा – पौधे लगाने, पेड़ों को पोषित व संरक्षित करने तथा नदियों व तालाबों की सफाई व रखरखाव – को सदैव याद रखेगा। डॉ. हर्षवर्धन ने मंत्रालय के सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श किया। पिछले तीन वर्षों में मंत्रालय द्वारा किये गये कार्यों की प्रगति तथा प्रमुख कार्य योजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने माना कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मामले में कई जटिल समस्याएं हैं, जिसके लिए समन्वित व ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने इस तथ्य पर विशेष बल देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का प्रयास है कि पर्यावरण की चिंताओं को विकास की नीतियों और कार्यक्रमों से जोड़ा जाए, ताकि भारत के सतत विकास और प्रगति हेतु दोनों में संतुलन स्थापित किया जा सके। इसके लिए यह आवश्यक है कि मंत्रालय आधुनिक तकनीक को अंगीकृत कर मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाए तथा नीतिगत प्रयासों को विकसित करे ताकि पारदर्शिता, जवाबदेही तथा समय पर कार्य-निष्पादन में तेजी आ सके।