नाबार्ड ने मनाया अपना 38 वां स्थापना दिवस, जानिये खबर
देहरादून | आज 12 जुलाई, 2019 को नाबार्ड ने अपना 38वां स्थापना दिवस बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पदम भूषण चंडी प्रसाद भट्ट मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्य महाप्रबंधक सुनील चावला ने भट्ट जी का स्वागत करते हुए सभी नाबार्ड परिवार के सदस्यों को स्थापना दिवस की बधाई दी और कहा कि नाबार्ड ने पिछली 37 सालों में 4000 करोड की बलैंस शीट से लगभग 5 लाख करोड़ की बलैंस शीट की यात्रा की है, वह बड़ी चुनौतिपूर्ण रही है। परंतु आज हमें खुशी है कि हम प्रत्येक ग्रामवासी के साथ किसी न किसी रूप में जुडे हैं तथा लोग आज हमारी उपस्थित अपने बीच पहचान रहे हैं। साथ ही उन्होनें कहा है कि हमें आकंड़ों से परे ऐसा काम करना है जिसे हर कोई देख सके तथा राकेश कन्याल द्वारा प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथि भट्ट ने नाबार्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज नाबार्ड विकास के छोटे-छोटे प्रयासों से भारत के हर गाँव के विकास से जुड़ा है चाहे सड़क हो, पुल हो, पीने के पानी की सप्लाई हो,स्कूल की ईमारते हों, नाबार्ड ने हर क्षेत्र में सहयोग दिया है। साथ ही उन्होंने कहा आज देश को नाबार्ड जैसी संस्थाओं की जरूरत है जो पूर्ण समर्पण से अपना काम करें। भट्ट ने हिमालयन क्षेत्र में मानव की बढ़ती गतिविधियों से होने वाले खतरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें मिट्टी, पानी तथा हवा को प्रदूषित होने से बचाना होगा। नदियों की धारा में परिवर्तन, भूस्खलन, मिट्टी के घटती उपजाऊपन जैसी बढती समस्याओं पर प्रकाश डाला और अधिक से अधिक पेड़ लगाने तथा झरनों को पुर्नजीवित करने व प्राकृतिक संसाधनों का न्यायोचित तरीके से प्रयोग करने पर बल दिया। उनका मानना है कि पहाड़ों में विकास जरूर हो परंतु प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ के साथ नहीं बल्कि तालमेल के साथ। इस अवसर पर उन्होंने चिपको आंदोलन के अनुभवों को भी साझा किया। महाप्रबंधक शिखा ने चंडी प्रसाद भट्ट का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि स्थापना दिवस पर उनकी उपस्थिति नाबार्ड के लिए गर्व का विषय है तथा उनके अनुभवों से हमने ग्रामीण विकास व प्रकृति को और करीब से समझा है। साथ ही कहा कि जलवायु परिवर्तन पर भट्ट जी के व्यावहारिक अनुभव बड़े कारगर साबित हुए हैं जो प्रेरणा का स्रोत हैं। कार्यक्रम का संचालन सहायक महाप्रबंधक उर्वशी गर्ग ने किया तथा इस अवसर पर नाबार्ड के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं स्टाफ सदस्य मौजूद थे।