नारी निकेतन यौन शोषण : मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की कैद
देहरादून। उत्तराखंड के चर्चित नारी निकेतन यौन शोषण मामले में कोर्ट ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाई। मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। वहीं, हासिम व ललित बिष्ट 5-5 साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। शमा निगार, चंद्रकला, किरण व अनिता मैंदोला को 4-4 साल की कैद 10-10 हजार जुर्माना, मीनाक्षी पोखरियाल व कृष्णकांत को 2-2 साल की सजा और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं मीनाक्षी और कांछा को जमानत मिल गई है। गौरतलब है कि 2015 में नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म, गर्भपात कराने और भू्रण को ठिकाने लगाने के आरोप में अदालत ने 30 अगस्त को सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था। अपर जिला जज षष्ठम धर्म सिंह की अदालत आज सजा का ऐलान कर दिया। दोषी करार हुए आरोपियों में तत्कालीन अधीक्षिका समेत छह महिलाएं शामिल हैं। अक्तूबर 2015 में नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी के साथ अनहोनी की घटना का खुलासा किया था। सूचना पुख्ता थी इसके आधार पर पुलिस भी हरकत में आई और नेहरू कॉलोनी थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसके बाद 24 नवंबर 2015 को मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन एसपी सिटी अजय सिंह के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी की जांच में एक-एक कर सभी परतें खुलती चली गईं और संवासिनी पर जुल्म ढाने वाले दरिंदे सलाखों के पीछे जाते रहे। इस मामले में पुलिस ने नारी निकेतन की तत्कालीन अधीक्षिका मीनाक्षी पोखरियाल, कर्मचारी अनिता मंदोला, क्राफ्ट टीचर शमा निगार, किरण नौटियाल, टीचर चंद्रकला क्षेत्री, संविदाकर्मी कृष्णकांत शाह उर्फ कांछा, होमगार्ड ललित बिष्ट, केयर टेकर हाशिम और मुख्य आरोपी सफाई कर्मचारी गुरदास को गिरफ्तार किया था।