नोटबंदी से लोग हो रहे प्रभावित हो सकते हैं दंगे : सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार की इस दलील को सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है कि नोटबंदी को लेकर देशभर में हाईकोर्ट और निचली अदालतों में दर्ज मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कैसे अपने दरवाजे लोगों के लिए बंद कर सकते हैं जबकि अधिकाअधिक बड़े पैमाने पर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने आगाह किया कि लोगों को अगर कोर्ट आने से रोका गया तो सड़कों पर दंगे हो सकते हैं. बेंच के मुताबिक उसने संज्ञान लिया कि लोग धन के लिए ‘व्यग्र हो रहे हैं, घंटों कतार में खड़े रहने की हिम्मत दिखा रहे हैं. बेंच ने व्यवस्था दी कि देशभर में मामले दर्ज होना अपने आप में ही संकेत है कि समस्या ‘गंभीर और कितनी बड़ी’ है. चीफ जस्टिस ठाकुर ने इंगित किया, ‘वो (लोग) अदालतों में राहत के लिए आ रहे हैं. हम अपने दरवाजे उनके लिए बंद नहीं कर सकते.’ बेंच ने साफ किया कि वो इस दलील को इस हद तक ही विचार कर सकती है कि सारे मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए.’ चीफ जस्टिस ठाकुर और जस्टिस अनिल आर दवे की बेंच ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से अपनी आशंकाएं जताते हुए कहा, ‘ये बहुत गंभीर है.