पीएम मोदी और चिनफिंग के बीच हुई बातें, दोनों देशों ने सेनाओं को दिए दिशानिर्देश
मध्य चीन के शहर वुहान में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आपसी विश्वास और समझ बढ़ाने के लिए संचार व्यवस्था मजबूत बनाने के वास्ते दोनों देशों ने सेनाओं को सामरिक दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया है. दोनों नेताओं के बीच दो दिन की अनौपचारिक शिखर वार्ता के समापन पर पत्रकारों से बातचीत में विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा क्षेत्र के सभी इलाकों में अमन-चैन कायम रखने को महत्वपूर्ण बताया. एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने यह जानकारी दी. मोदी ने कहा कि शी के साथ उनकी वार्ता भारत-चीन सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर केंद्रित रही. उन्होंने कहा,हमने अपने आर्थिक संबंधों तथा लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के तौर तरीकों पर चर्चा की. कृषि, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और पर्यटन जैसे अन्य क्षेत्रों पर भी विचार विमर्श हुआ. दोनों नेताओं ने सीमा क्षेत्र से जुड़े मामलों में प्रभावी प्रबंधन और विश्वसनीयता के साथ-साथ आपसी समझ और विश्वास बढ़ाने के लिए संचार व्यवस्था को मजबूत करने के वास्ते अपनी-अपनी सेनाओं को रणनीतिक दिशानिर्देश जारी करने पर सहमति जताई.’’ उन्होंने सीमा विवाद के उचित, तार्किक और दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए विशिष्ट प्रतिनिधित्व के काम की भी सराहना की. दोनों देश 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए विभिन्न तरीके अपना चुके हैं और सीमा विवाद के समाधान के लिए अब तक 20 दौर की वार्ता कर चुके हैं. मोदी और शी के बीच हुई ‘दिल से दिल की बात’ के समापन पर गोखले ने यह जानकारी दी. दोनों नेताओं के बीच हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता को विश्वास फिर से कायम करने और संबंध सुधारने की भारत एवं चीन की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. पिछले साल डोकलाम में दोनों देशों के बीच करीब 73 दिनों तक कायम रहे गतिरोध ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी थी.