बेटी का जन्म होना भी बेटे के समानः शशि सिंह
रुद्रप्रयाग | बाल विकास विभाग की ओर से आपकी बेटी, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में राजकीय इण्टर काॅलेज पित्रधार में बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर मिर्ची व केले खाने की प्रतियोगिता, महिला सशक्तिकरण व स्वास्थ्य से संबंधित क्विज प्रतियोगिता आयोजित कराई गई, जिसमें ग्रामीण महिलाओं, स्कूली बच्चों के साथ ही पुरूषों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। सही उत्तर देने वाली महिलाओं व स्कूली बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ कोषाधिकारी शशि सिंह ने कहा कि बेटी का जन्म होना भी बेटे के जन्म के समान है। हमें बेटियों के संरक्षण के लिए किसी नियत तिथि को उत्सव के रूप में मनाने की आवश्यकता नहीं है। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां बेटिया नहीं है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि ऊषा घिल्डियाल ने कहा कि हमें बेटी के जन्म को जश्न की तरह मनाना चाहिए। बेटी हर घर का अभिमान व बेटियों से ही घर में रौनक होती है। हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि बेटी को सभी अधिकार मिले और वह भी बेटों के समान अपना जीवन जी सकें। कई बार देखा जाता है कि एक महिला द्वारा ही अपनी कोख में पल रही बच्ची की हत्या की जाती है, जो कि बेहद निंदनीय है। इस दौरान प्रधानाचार्य जीआईसी पित्रधार की अध्यक्षता में पन्द्रह सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें गांव की महिला सदस्य हैं। समिति क्षेत्र में बेटी बचाओ, बेटी पढाओं अभियान जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक में सभी अभिभावकों को प्रतिभाग कराने की बात कही गई। ग्रामीण महिलाओं का मानना है कि लड़का व लड़की दोनों एक समान है। इस अवसर बाल विकास विभाग ने विद्यालय में 12वीं व 10वीं में सर्वाधिक अंक लाने वाली बालिकाओं को पन्द्रह सौ रूपये का चैक देकर सम्मानित किया। कक्षा 12वीं में वैशाली व 10वीं में शिवानी द्वारा सर्वाधिक अंक प्राप्त किए गए हैं। आपकी बेटी, आपके द्वार कार्यक्रम में पहल संस्था चिरबटिया की बेटियों ने कन्या भू्रण हत्या पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया कि लड़का व लड़की दोनो समान हैं। दोनों का समान पालन पोषण, शिक्षा व अन्य सुविधायें दी जानी चाहिए जिससे दोनों की आत्मनिर्भर बन सके। महिलाओं के बिना समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती व देश के विकास में दोनों की ही भागीदारी आवश्यक है। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य जीआईसी भगत सिंह चैहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी हिमांशु बडोला, शिक्षक जयपाल नेगी, डाॅ शकिब, डाॅ शिवानी सहित अन्य अधिकारी, स्कूली बच्चे व ग्रामीण महिलायें उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका बबलेश रानी चैहान ने किया।
रुद्रप्रयाग | बाल विकास विभाग की ओर से आपकी बेटी, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में राजकीय इण्टर काॅलेज पित्रधार में बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर मिर्ची व केले खाने की प्रतियोगिता, महिला सशक्तिकरण व स्वास्थ्य से संबंधित क्विज प्रतियोगिता आयोजित कराई गई, जिसमें ग्रामीण महिलाओं, स्कूली बच्चों के साथ ही पुरूषों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। सही उत्तर देने वाली महिलाओं व स्कूली बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ कोषाधिकारी शशि सिंह ने कहा कि बेटी का जन्म होना भी बेटे के जन्म के समान है। हमें बेटियों के संरक्षण के लिए किसी नियत तिथि को उत्सव के रूप में मनाने की आवश्यकता नहीं है। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां बेटिया नहीं है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि ऊषा घिल्डियाल ने कहा कि हमें बेटी के जन्म को जश्न की तरह मनाना चाहिए। बेटी हर घर का अभिमान व बेटियों से ही घर में रौनक होती है। हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि बेटी को सभी अधिकार मिले और वह भी बेटों के समान अपना जीवन जी सकें। कई बार देखा जाता है कि एक महिला द्वारा ही अपनी कोख में पल रही बच्ची की हत्या की जाती है, जो कि बेहद निंदनीय है। इस दौरान प्रधानाचार्य जीआईसी पित्रधार की अध्यक्षता में पन्द्रह सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें गांव की महिला सदस्य हैं। समिति क्षेत्र में बेटी बचाओ, बेटी पढाओं अभियान जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक में सभी अभिभावकों को प्रतिभाग कराने की बात कही गई। ग्रामीण महिलाओं का मानना है कि लड़का व लड़की दोनों एक समान है। इस अवसर बाल विकास विभाग ने विद्यालय में 12वीं व 10वीं में सर्वाधिक अंक लाने वाली बालिकाओं को पन्द्रह सौ रूपये का चैक देकर सम्मानित किया। कक्षा 12वीं में वैशाली व 10वीं में शिवानी द्वारा सर्वाधिक अंक प्राप्त किए गए हैं। आपकी बेटी, आपके द्वार कार्यक्रम में पहल संस्था चिरबटिया की बेटियों ने कन्या भू्रण हत्या पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया कि लड़का व लड़की दोनो समान हैं। दोनों का समान पालन पोषण, शिक्षा व अन्य सुविधायें दी जानी चाहिए जिससे दोनों की आत्मनिर्भर बन सके। महिलाओं के बिना समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती व देश के विकास में दोनों की ही भागीदारी आवश्यक है। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य जीआईसी भगत सिंह चैहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी हिमांशु बडोला, शिक्षक जयपाल नेगी, डाॅ शकिब, डाॅ शिवानी सहित अन्य अधिकारी, स्कूली बच्चे व ग्रामीण महिलायें उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका बबलेश रानी चैहान ने किया।