राष्ट्रपति चुनावः नीतीश के कदम से सकते में विपक्ष
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनावों में एनडीए के प्रत्याशी राम नाथ कोविंद की स्थिति मजबूत होती जा रही है और विपक्ष कमज़ोर पड़ता जा रहा है. कोविंद का समर्थन करने का फैसला कर जेडीयू ने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद को बड़ा झटका दे दिया. दिल्ली में रामनाथ कोविंद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मिलते रहे, जबकि पटना से उनके समर्थन की खबर आई. नीतीश कुमार के रुख को ले∂ट ने विपक्षी एकता के लिए झटका बताया। सीपीआई नेता डी. राजा ने एनडीटीवी से कहा, राष्ट्रपति चुनावों को लेकर 17 विपक्षी पार्टियों के नेता एक साथ पिछले महीने एक बैठक में शामिल हुए थे. अब नीतीश ने कोविंद का जिस तरह से समर्थन किया है, वो विपक्ष की एकजुटता की कोशिशों को झटका ज़रूर है। उधर, कांग्रेस पाट जेडीयू के फैसले पर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बचती दिखी. पाट के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने नीतीश के फैसले पर कुछ नहीं बोला, सिर्फ इतना कहा, श्गुरुवार की बैठक में प्रत्याशी और रणनीति पर विचार किया जाएगा। दरअसल राष्ट्रपति चुनावों से पहले आंकड़ों के खेल में एनडीए काफी आगे निकल चुका है. राष्ट्रपति चुनाव में कुल 10,98,903 वोट हैं और उम्मीदवार की जीत के लिए 5,49,452 वोट चाहिए. इनमें से एनडीए के कुल 5,37,683 वोट पहले से हैं, यानी 48 प्रतिशत से कुछ। रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी के बाद एनडीए, एआईएडीएमके, बीजेडी, टीआरएस, जेडीयू, वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन के साथ कुल 62.7 प्रतिशत वोटों का समर्थन हासिल कर चुका है. हालांकि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी अब भी एक मज़दूत उम्मीदवार उतारने का दावा कर रहे हैं. सीताराम येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, विपक्ष की तरफ से एक तगड़ा उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा.