राष्ट्रपति ने भारतीय विद्या के अनुसंधान के लिए युवा पीढी को प्रेरित करने का आह्वान किया
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मास्को में आज रूस के प्रमुख भारतीय विद्या अनुसंधान कर्ताओं( इंडोलोजिस्ट) से विचारविमर्श किया। गणमान्य इंडोलोजिस्ट को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि हालांकि वो अपने काम से भारत और इसके इतिहास, संस्कृति, विरासत,राजनीति और कला के संपर्क में रहते हैं, लेकिन भारत उनकी रूस में भारत के प्रति समझदारी बढाने में योगदान की सराहना करता है। इसके साथ ही भारतीय विद्या अनुसंधान के प्रति युवाओं को प्रेरित करने के लिए साथ-साथ इसे समकालीन प्रासंगिक बनाने और न सिर्फ बौद्धिक रूप से प्रेरक बल्कि व्यवसायिक रूप से प्रतिफल देने वाला भी बनाना चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घोषणा कि विदेशों में भारतीय विद्या अनुसंधान का प्रसार करने के लिए भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद (आईसीसीआर) सालाना उत्कृष्ट इंडोलोजिस्ट पुरस्कार की शुरूआत करेगा। उन्होनें आईसीसीआर द्वारा रूस में संस्कृत और भारतीय विद्या अनुसंधान पर क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा भी की। इससे साथ ही आईसीसीआर रूस की सामाजिक विज्ञान अकादमी के दर्शनशास्त्र संस्थान में भारतीय प्राध्यापक पद के लिए अपना सहयोग आगामी दो वर्षों के लिए भी जारी रखेगा