स्टर्लिंग बायोटेक घोटाला के आरोपियों के खिलाफ 21 देशों में होगी जांच, जानिए ख़बर
नई दिल्ली | स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़े 8,100 करोड़ रुपये के बैंक फर्जीवाड़ा मामले की जांच में दिल्ली की एक अदालत ने सहायता के लिए ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित 21 देशों को लेटर्स रोगेटरी (LR) भेजने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने ED की अमेरिका, चीन, पनामा तथा ऑस्ट्रिया सहित विभिन्न देशों को एलआर (लेटर्स ऑफ रिक्वेस्ट) भेजने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह मंजूरी दी। आरोप है कि कंपनी ने आंध्र बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जो बाद में एनपीए में तब्दील हो गया। कंपनी पर कुल मिलाकर 8,100 करोड़ रुपये का कर्ज डकारने का आरोप है। ईडी अलबानिया को भी एलआर भेजेगी। दसअसल, अदालत के विशेष अभियोजक नितेश राणा ने कोर्ट को सूचित किया था कि स्टर्लिंग बायोटेक के दो निदेशकों नितिन संदेसरा और चेतनकुमार संदेसरा ने अलबानिया की नागरिकता हासिल कर ली है। इस जानकारी के सामने आने के बाद कोर्ट ने ईडी को हाल में अलबानिया को प्रत्यर्पण आवेदन भेजने की मंजूरी दी थी। ईडी द्वारा जारी इंटरपोल नोटिस के आधार पर कंपनी के एक अन्य निदेशक हितेश भाई पटेल को अलबानिया की राजधानी तिराना में 20 मार्च को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में एजेंसी अब तक पांच आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है और 4,710 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कर चुकी है। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के आरोप पत्र के आधार पर मामला दर्ज किया था और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। आरोपियों के खिलाफ आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को घूस देने के आरोपों की भी जांच चल रही है।