हमारी जमीन का इस्तेमाल प्रतिबन्धित गुट क्यों करेः सीनेट
पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुटों के प्रति वहां की संसद भी चिंतित है। पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन सीनेट ने पुरजोर तरीके से कहा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी जमीन का इस्तेमाल हिंसक अतिवादी गुट ना करें। सीनेट ने सरकार से कहा है कि वह एक संसदीय समिति बना दे जो विदेश नीति और सुरक्षा से जुड़ी नीतियों की निगरानी करे। सुझाव दिया गया है कि इस समिति में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और खुफिया विभाग के प्रतिनिध्यिों के अलावा रक्षा और विदेश मामलों से जुड़ी समितियों के अध्यक्ष भी हों। समाचारपत्रा दि न्यूज में प्रकाशित ऽबर के मुताबिक सीनेट चेयरमैन मियां रजा रब्बानी की अध्यक्षता में मैराथन बैठक में यह बात उठी। बैठक में सदस्यों ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि एक ओर तो भारत ने पाकिस्तान के प्रति आक्रामक कूटनीति का रास्ता अख्तियार कर लिया है, दूसरी ओर पाकिस्तान की विदेश नीति खुद को अलग-थलग होने से बचाने में बुरी तरह विपफल रही। सीनेट का सुझाव है कि पाकिस्तान कश्मीर मामले को जिंदा रऽने के लिए संयुत्तफ राष्ट्र प्रावधनों पर ध्यान केंद्रित करे और वहां के लोगों के आत्मनिर्णय के अध्किार को मुद्दा बनाए। साथ ही कहा गया कि पाकिस्तान दुनिया को और पुख्ता तरीके से बताए कि वह खुद आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार रहा है और उसकी ध्रती से ऐसे तत्वों को अपनी गतिविध्यिां चलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।