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अजब गजब : छत पर उगाएं सब्जी 2 लाख तक हो सकती है इनकम

ajab gajab

नई दिल्ली। दुनिया भर में शहरों का विस्तार तेज होने से अर्बन फार्मिंग का चलन बढ़ता जा रहा है। छतों पर, पार्किंग में या फिर कहीं भी उपलब्ध सीमित जगह का इस्तेमाल अब सब्जियों की खेती में किया जा रहा है। ऐसा एक खास तकनीक के इस्तेमाल से संभव होता है। इसमें सिर्फ 200 वर्ग फुट जैसी छोटी जगह पर सब्जियां उगाई जा सकती हैं। जानकारी, सही सलाह से लगभग 1 लाख रुपए का वन टाइम खर्च से आप घर बैठे सालाना 2 लाख रुपए तक की सब्जियां उगा सकते हैं। इस तकनीक की खास बात यह है कि इसमें मिट्टी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता है। इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। तकनीक की भाषा में इसे हाइडन्न्पानिक्स कहा जाता है। हाइडन्न्पानिक्स एक तकनीक है और इसे अलग अलग तरह से इस्तेमाल में लाया जा सकता है। आप इस सिस्टम को अपने स्तर पर भी तैयार कर सकते हैं। वहीं इस क्षेत्र में काम कर रही कई कंपनियां भी आपको शौकिया गार्डन से लेकर कमर्शियल फार्म तक स्थापित करने में मदद कर सकती हैं। -इस बारे में हाइडन्न्पानिक्स कंपनी ‘हमारी कंपनी हमारी कृषि को स्थापित करने वाले अभिषेक शर्मा के मुताबिक ये तकनीक लोगों को रोजगार देने का अच्छा जरिए हो सकती है, क्योंकि परंपरागत कृषि के मुकाबले इसके मार्जिन बेहतर हैं। शर्मा के मुताबिक अगर कोई शख्स 10 टावर के जरिए 400 पडिं मे वर्तमान सलाद उगाता है, तो साल भर में हर पडिं आसानी से 5 किलो लेटिस का उत्पादन कर सकता है। यानी 400 पडिं से 2000 किलो सालाना तक लेटिस उग सकता है। फिलहाल लेटिस की कीमत भारत में 180 रुपए किलो है, शर्मा के मुताबिक अगर थोक में 100 रुपए किलो भी मिलते हैं तो अच्छी कंडीशन में साल में 2 लाख रुपए की उपज संभव है। – वहीं उनके मुताबिक आम स्थितियों में आप आसानी से एक साल में अपना निवेश निकाल सकते हैं। अगले साल रिटर्न ज्यादा होगा क्योकिं आपको सिर्फ रखरखाव, बीज और न्यूटिन्न्एंट का खर्च ही करना है। यानी आप अपनी छत के सिर्फ 150 से 200 वर्ग फुट के इस्तेमाल से एक साल में ही अपना एक लाख का निवेश निकाल कर लाभ में आ सकते हैं। इस तकनीक के जरिए नियंत्रित माहौल में खेती होती है, इसलिए अक्सर किसान हाइडन्न्पानिक्स की वजह से ऐसे सब्जियों का उत्पादन करते हैं जिसकी मार्केट कीमत ज्यादा होती है। इस तकनीक में पानी, फर्टिलाइजर और कीटनाशक की खपत भी 50 से 80 फीसदी तक घट जाती है। हमारी कृषि में छपे एक आर्टिकल के मुताबिक इस तकनीक से पैदावार 3 से 5 गुना तक बढ़ जाती है। – इस तकनीक में शुरुआती खर्च ज्यादा होता है। हालांकि बाद में लागत काफी कम होने से मुनाफ़ा बढ़ जाता है। नेट शेड या पलिंिहाउस की वजह से मौसम का असर इन फसलों पर काफी कम हो जाता है। इस तकनीक के जरिए या तो आप अपनी छत पर खुद के लिए ताजी अच्छी सब्जियां उगा सकते हैं। वहीं आप इसे अपने कारोबार में बदल सकते हैं। इस्राइल, दक्षिण अफ्रिकाऔर साउदी अरब जैसे देश जहां जगह या पानी की कमी है, वहां ये तकनीक सफल कारोबार में बदल चुकी है। इन देशों में किसान अपने घरों की छत के साथ साथ मलिं, आफिस की छतों पर गार्डन स्थापित कर रहे हैं।

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