अनेक देशों ने भारत के श्रम निरीक्षण सुधारों को सराहा
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा है कि सरकार का बल श्रम निरीक्षण प्रणाली की गुणवत्ता और सक्षमता बढ़ाने पर है न कि केवल संख्या पर। उन्होंने कहा कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से श्रम कानूनों के परिपालन के लिए कारगर प्रणाली लाना चाहती है। अग्रवाल जीनिवा में 104वें अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समझौतों और सिफारिशों को लागू करने के लिए बनी विशेषज्ञों की समिति की टिप्पणियों के बारे में कहा कि भारत सरकार ने श्रम निरीक्षण में गलत व्यवहारों को रोकने के लिए प्रमुख गुड गवर्नेंस अभियान शुरु किया है। उन्होंने दोहराया कि निरीक्षण करने वाले प्राधिकार के अधिकारों में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर राज की समाप्ति का अर्थ निरीक्षण प्रणाली की समाप्ति नहीं बल्कि निरीक्षण प्रणाली से गलत व्यवहारों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का दायित्व समावेशी विकास और औद्योगिक सद्भाव के लिए कामकाज का उचित माहौल बनाते हुए श्रमिकों के हितों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि हम तेजी से विकास करने वाले देश हैं और हमारी आबादी में युवाओं की अधिकता है। इसलिए सरकार की प्रमुख प्राथमिकता सम्मानजनक रोजगार सृजन है। इसके लिए सभी टाली जाने वाली लागत एवं अक्षमता को दूर करना होगा। श्रम कानूनों की समीक्षा और नवीकरण एक निरंतर प्रक्रिया है ताकि इन कानूनों को विश्व की उभरती आवश्यकताओं तथा ज्ञान आधारित अर्थव्यवनस्था के अनुरूप बनाया जा सके। रूस, चीन, जापान, सिंगापुर, इरान, कुवैत , बंगलादेश, म्यांमार , घाना, वेनेजुएला, कतर, फीजी सहित अन्य देशों ने मजबूती से भारत की राय का समर्थन किया। इन देशों ने समाजिक वार्ता तथा सम्मानजनक काम पर भारत सरकार की प्रतिबद्धता की सराहना की। इन देशों का कहना है कि भारत विश्व का नया निवेश स्थल है और पारदर्शिता, दायित्व तथा कुशलता के आधार पर गुड गवर्नेंस को प्रोत्साहित करने की आवश्कता है।