अब नहीं रही दबंग महिला आईएएस अफसर ,जानिये क्यों
यूपी की एक महिला आईएएस अफसर ने अपनी 18 साल पुरानी आपबीती सुनाई है। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे एक एमएलए ने उन्हें ठंडा करने की कोशिश की। जब इसकी शिकायत उन्होंने अपने पर के अफसरों से की तो भी उन्हीं पर दबाव बनाया गया और इसके बाद नोटिस जारी कर उनका तबादला कर दिया गया। अफसर का कहना है कि अब वो भी मजे में हैं। सचिवालय में कुर्सी तोड़ती हैं और बच्चों पर ध्यान देती हैं। दरअसल, एक गुमनाम आईडी से ये कहानी कोरा पर पोस्ट की गई है। कोरा एक सोशल मीडिया प्लेटफर्मिं है, जहां लोग सवाल-जवाब की शक्ल में संवाद करते हैं। कोरा पर ये कहानी इंग्लिंश में पोस्ट की गई है। इस पोस्ट को 11 मार्च यानी यूपी चुनाव के नतीजों से पहले डाला गया है, जिसमें 23 मार्च तक अपडेशन हुआ है। पोस्ट में लिखा है- ’मैं एक महिला आईएएस अफसर हूं। सुनते ही दिमाग में ताकतवर अफसर की तस्वीर बन रही होगी, लेकिन ये सच नहीं है। मैं दबंग नहीं हूं। या कहूं कि अब नहीं रही। 18 साल पहले मुझे ठीक कर दिया गया था। ये उसी वाकये की कहानी है, जिसमें अब कुछ नया जुड़ने जा रहा है।’ ’1999 में यूपी के एक जिले में बतौर एसडीएम मेरा अप्वाइंटमेंट हुआ। वहां रूलिंग पार्टी का युवा एमएलए था। उसकी उम्र करीब 30 साल थी। वो पढ़ा-लिखा भी था। चुनाव आयोग को दिए शपथ-पत्र में उसने खुद को दिल्ली यूनिर्विसिटी का ग्रेजुएट बताया था। वह बैकवर्ड कास्ट से था। यहां कास्ट का जिक्र करना जरूरी है, क्योंकि ये यूपी है। विधायक के पापा भी जिले के जाने-माने नेता थे। उसकी मां जिला पंचायत की अध्यक्ष थीं।’ ’एक बार एमएलए के सपोर्टर मेरे कार्यालय तहसील में प्रोटेस्ट कर रहे थे। इसकी वजह उनके आर्म्स, शराब और खनन के लाइसेंस के काम में देरी होना था। मैंने उनसे कहा कि मामला उच्च अफसरों के पास चला गया है और इस मामले पर फाइनल डिसीजन उनका ही होगा। इस पर उन्होंने मेरी मेज से फाइलें उठाकर फेंक दीं। पेपरवेट फेंक दिए। क्लर्क और बाकी स्टाफ को बुरी तरह पीट दिया। मैंने उन लोगों को डांटते हुए कहा कि इन हरकतों का अंजाम बुरा होगा, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।’