आखिर बच्चो का क्या कसूर
पाकिस्तान के पेशावर में आतंगवाद की जो घिनवानी कृत आतंगवादियो द्वारा किया गया उससे यही प्रतीत होता है की उनके हौसलों पर भगवान का भी रुह काॅप जाये . पेशावर के सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चो का सपना रहा होगा एक दिन आतंगवाद को जड़ से समाप्त करने का लेकिन उन मासूम बच्चो को क्या मालूम यही इनके सपनो को चूर करने का कारण बनेगे . विशव समुदाय को आतंगवाद के खिलाफ एक जुट होकर आतंगवादी रूपी पिचाश को समाप्त करने का कठोर कदम उठाना पड़ेगा .