आरटीआई कार्यकर्ता सैफअली सिद्दीकी ने अल्पसंख्यक आयोग को लिखा पत्र
रेलवे एवं जिला प्रशासन द्वारा गफूर बस्तीवासियों का उत्पीड़न और उनके अधिकारो के हनन को लेकर की शिकायत
हल्द्वानी | आरटीआई कार्यकर्ता सैफअली सिद्दीकी ने अल्पसंख्यक आयोग को एक पत्र लिखते हुए रेलवे एवं जिला प्रशासन द्वारा गफूर बस्तीवासियों का उत्पीड़न और उनके अधिकारो के हनन की शिकायत की है। सैफ की और से सचिव अल्पसंख्यक आयोग को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि गफूर बस्ती किदवई नगर से हिमालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल गौजाजाली तक वर्तमान करीब 40 हजार लोग रहते है लेकिन रेलवे विभाग इस पर अपना दावा करता है।
सैफ ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2007 में रेलवे ने यहां से 1500 से 2000 परिवारो को उजाड़ दिया। इसके बाद वर्ष 2017 में रेलवे ने बस्ती के लोगों को पीपीई एक्ट के अंतर्गत नोटिस जारी किये। इससे बस्ती के लोग परेशान है सैफ ने इस रेलवे विभाग से इस भूमि का गजट नोटिफिकेशन सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगा लेकिन आज तक उन्हें सूचना नही दी गई। वर्ष 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक रावत द्वारा भी रेलवे विभाग से भूमि गजट नोटिफिकेशन लाने की मांग की गई थी लेकिन रेलवे विभाग द्वारा उपलब्ध नही कराया गया था।
सैफ ने कहा कि मेरे द्वारा सूचना अधिकार के तहत रेलवे विभाग और जिला प्रशासन नैनीताल से उक्त भूमि का स्थलीय निरीक्षण नही कराया गया। रेलवे विभाग क्षेत्र के लोगों का मानसिक शोषण कर रहा जिससे कई लोग आत्महत्या करने को मजबूर है। इस क्षेत्र में कुछ भूमि नजूल की है तो कुछ रजिस्टरी की। रेलवे इस जमीन को अपनी बता रहा है उन्होंने कार्यवाही की मांग की है।