‘आसाराम’ नही बचे स्वामी चिन्मयानंद खुद बन गए “आसाराम”
जहां एक तरफ देश के बहुचर्चित आसाराम रेप प्रकरण में भी शाहजहांपुर की एक बेटी ने आवाज उठाई थी वही एक और बेटी साहस दिखाते हुए स्वामी चिन्मयानंद को सलाखें में पहुँचा दिया | वही आज आसाराम सलाखों के पीछे सजा काट रहे हैं। आरोप है कि उस वक्त स्वामी चिन्मयानंद ने अपनी ताकत का इस्तेमाल कर आसाराम को बचाने की कोशिश की थी जो बेकार गई। छात्रा से यौन शोषण के आरोप में चिन्मयानंद जेल में हैं। गौरतलब है कि जब आसाराम रेप प्रकरण सामने आया था तो आरोप लगा था कि पीड़ित छात्रा के केस को कमजोर करने के लिए चिन्मयानंद ने अपने स्कूल से फर्जी मार्कशीट और टीसी बनाकर दी थी, जिससे आसाराम पर लगा पॉक्सो ऐक्ट हट सके। चिन्मयानंद ने अपने स्कूल की प्रिंसिपल को भी जोधपुर आसाराम के पक्ष में गवाही देने के लिए भेजा था। पीड़िता परिजनों का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद के निर्देशन में चलने वाली एसएसएमवी से रेप पीड़िता को बालिग साबित करने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट दिए गए थे।