Breaking News:

राष्ट्रपति ने मेडिकल के 598 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की -

Tuesday, April 23, 2024

देहरादून : जेल में कैद बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत -

Tuesday, April 23, 2024

“मिस टीन उत्तराखंड” का आयोजन -

Tuesday, April 23, 2024

सत्ता के खातिर समाज को बांटने के लिए धर्म और जातिवाद की राजनीति करते हैं नरेन्द्र मोदीः करन माहरा -

Tuesday, April 23, 2024

चारधाम : एक सप्ताह में 12.5 लाख रजिस्ट्रेशन -

Monday, April 22, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में ईवीएम से अंतिम रूप से 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ -

Monday, April 22, 2024

मजदूर का बेटा बना आईएएस अफसर -

Monday, April 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : नाबालिग रेप पीड़िता को 7 माह का गर्भ गिराने की दी इजाजत -

Monday, April 22, 2024

केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत, 40 हज़ार से अधिक लोग हुए बेघर -

Monday, April 22, 2024

देहरादून : केक खाने से किसी को हुई उल्टी तो कोई गश खाकर गिरा, जानिये खबर -

Sunday, April 21, 2024

दुष्कर्म का आरोप निकला झूठा, बा-इज्जत बरी हुए सैफ अली सिद्दीकी, जानिए खबर -

Friday, April 19, 2024

उत्तराखंड : 19 अप्रैल (कल) को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा मतदान -

Thursday, April 18, 2024

यूपीएससी परिणाम : जौनपुर जिले की सृष्टि मिश्रा पहले ही प्रयास में हासिल की 95 वीं रैंक -

Thursday, April 18, 2024

पहचान : राष्ट्र सेवा पुरस्कार से शिक्षाविद एवं समाजसेवी जितेंद्र कुमार डंडोना हुए सम्मानित -

Thursday, April 18, 2024

इनसे सीखे : 22 की उम्र में सब्जी वाले के बेटे ने खड़ी कर दी बड़ी कंपनी -

Thursday, April 18, 2024

मेरे भविष्य के लिए मम्मी पापा वोट देने जरूर जाना … -

Thursday, April 18, 2024

उत्तर प्रदेश : सपा ने मछलीशहर लोकसभा सीट से 25 वर्ष की प्रिया सरोज को उतारा मैदान में, जानिए कौन है प्रिया सरोज -

Sunday, April 14, 2024

देशभक्त, ईमानदार,चरित्रवान नेताओ एवं अधिकारियो की देश को जरूरत -

Sunday, April 14, 2024

उत्तराखंड : अब तक पोस्टल बैलेट के माध्यम से हो चुका 94.73 प्रतिशत मतदान -

Sunday, April 14, 2024

देश में जारी समस्याओं का दूसरा नाम कांग्रेसः योगी आदित्यनाथ -

Sunday, April 14, 2024



उत्तराखंड : सदन में पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट

vidhansabha_uttarakhand

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में गुरुवार को सदन में भारत के नियंत्रक एव महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई। कैग की रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित कई खुलासे किए गए हैं। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2017 में खुले शौच मुक्त के रूप में राज्य की घोषणा सही नहीं थी। उत्तराखंड मूल्यवर्धित कर अधिनियम में निर्धारित प्रावधानों का अनुपालन न किए जाने के कारण कर का अनारोपण और माल के वास्तविक अभिग्रहण मूल्य को छिपाने के परिणामस्वरूप 29.59 लाख की राजस्व क्षति हुई। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग रूद्रप्रयाग द्वारा वित्तीय मापदंडों की अवहेलना कर निर्माण कार्य को उच्च दरों पर प्रदान करने के कारण 1.69 करोड़ का व्ययाधिक किया गया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी करने के बावजूद अधिशासी अभियंता निर्माण खंड लोनिवि पौड़ी द्वारा मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए 2.83 करोड़ का कार्य को रोकना पड़ेगा। राज्य द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए किया गया नियोजन और क्रियान्वयन अपर्याप्त था क्योंकि मार्च 2017 तक 546 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों और 4,485 ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन संरचनाओं के लक्ष्य के सापेक्ष क्रमशः केवल 63 और 50 प्रतिशत का ही निर्माण किया गया था। मई 2017 में खुले शौच मुक्त के रूप में राज्य की घोषणा सही नहीं थी। भारत सरकार के पोर्टल पर लाभार्थी आंकड़ों को अद्यतन करने में विफलता के परिणामस्वरूप एक लाख से अधिक लाभार्थियों को शामिली नहीं किया गया। वित्तीय प्रबंधन भी अपर्याप्त पाया गया क्योंकि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 के दौरानर 10.58 करोड़ कर अपना अंश जारी नहीं किया था। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दावों की प्रमाणिकता ज्ञान किए बिना भुगतान किए जाने के परिणामस्वरूप किराए पर लिए गए वाहनों पर 1.25 करोड़ का संदिग्ध गबन हुआ। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोषपूर्ण संरेखण के कारण पेयजल योजना लक्षित आबादी तक पेयजल आपूर्ति करने में विफल रही। जिसके परिणामस्वरूप अधिशासी अभियंता निर्माण खंड उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम उत्तरकाशी द्वारा 1.42 करोड़ का निष्फल व्यय किया गया। इसके अतिरिक्त लक्षित आबादी को पानी उपलब्ध करने के लिए एक ट्यूबवेल के निर्माण पर 6.50 लाख का अतिरिक्त खर्च किया गया। वाणिज्य कर विभाग द्वारा कर की गलत दर लागू करने से कर के न्यूनारोपण के परिणामस्वरूप 89.52 लाख की राजस्व क्षति हुई। व्यापारियों द्वारा विलंब से कर जमा करने के बावजूद भी वाणिज्य कर विभाग द्वारा 15.96 लाख की धनराशि का अर्थदंड आरोपित नहीं किया गया। उत्तराखंड मूल्यवर्धित कर अधिनियम में निर्धारित प्रावधानों का अनुपालन न किए जाने के कारण कर का अनारोपण और माल के वास्तविक अभिग्रहण मूल्य को छिपाने के परिणामस्वरूप 29.59 लाख की राजस्व क्षति हुई। इसके अतिरिक्त वाणिज्य कर विभाग द्वारा 12.57 लाख का अर्थदंड भी आरोपणीय था। स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग द्वारा सही दरों को लागू न किए जाने के कारण स्टाम्प शुल्क का न्यूनारोपण हुआ जिससे 14.05 लाख कीर राजस्व क्षति हुई। खनन विभाग द्वारा खनिज के अवैध खनन व परिवहन के अपराधों में गलत दरों को लागू किए जाने के परिणामस्वरूप 29.75 लाख का अर्थदंड का न्यूनारोपण हुआ। खनन विभाग द्वारा खनन लाइसेंस पर संशोधित दरों को लागू न करने और ईंट भट्टों का पता न लगाने के कारण 39.23 लाख की रायल्टी का न्यूनारोपण/अनारोपण हुआ। उत्तराखंड वन विकास निगम 22.29 लाख व्यय करने के पश्चात भी वन प्रबंधन प्रमाणीकरण प्राप्त नहीं कर सका। उत्तराखंड वन विकास निगम ने कर्मचारियों के अनिवार्य 12 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि योगदान की क्षतिपूर्ति करते हुए 18.79 लाख का अतिरिक्त व्यय किया जिसे अधिनियम के अनुसार कर्मचारियों को वहन करना था। उत्तराखंड जल विद्युत निगम योजनाबद्ध तरीके से परियोजना को निष्पादित करने में विफल रहा। जिस कारण लागत में 38.10 करोड़ की वृद्धि को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा टैरिफ निर्धारण के लिए सम्मिलित नहीं किया जा सका। क्योंकि यह नियंत्रणीय कारकों के कारण थी। निगम को परियोजना लागत का 34.53 करोड़ का एक अतिरिक्त घटक भी छोड़ना पड़ा और इससे टैरिफ निर्धारण के लिए अपने दावे को कम करना पड़ा। इंडस्ट्रियल आॅल रिस्क पाॅलिसी लने में विफल रहने के कारण उत्तराखंड जल विद्युत निगम 2.18 करोड़ की हानि का दावा नहीं कर सका।

Leave A Comment