ऊर्जा सुरक्षा के बगैर सामाजिक सुरक्षा है अधूरी : पीयूष गोयल
केंद्रीय कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने कल यहां आयोजित मीडिया कार्यक्रम ‘’ऊर्जा सम्मेलन, 2016-भारत का सुरक्षित हरित भविष्य’’ में ऊर्जा क्षेत्र के जानेमाने व्यक्तियों की सभा को संबोधित किया। मंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में भारत की स्वयं की विकास की अनिवार्यताएं हैं, इसलिए वह अपनी ऊर्जा बॉस्केट से जीवाश्म ऊर्जा के उपयोग को पूरी तरह से बंद नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के पारंपरिक और नवीकरणीय स्रोतों और त्वरित सामाजिक विकास तथा पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बीच संतुलन कायम करना महत्वपूर्ण है। गोयल ने हाल के समय में विद्युत क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा पर प्रमुखता से चर्चा किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द ‘एक देश, एक ग्रिड, एक मूल्य’ के लक्ष्य को हासिल करना जरूरी है ताकि मजबूत ट्रांसमिशन ग्रिड नेटवर्क तैयार किया जा सके, जिससे पूरे देश में समान मूल्य पर आम आदमी को बिना रूकावट किफायती बिजली उपलब्ध हो। कार्यभार संभालने के बाद से सरकार का 2022 तक सौर ऊर्जा को पांच गुणा बढ़ाकर 100 गीगा वॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार के लगातार प्रयासों से मात्र 18 महीनों में सौर ऊर्जा की कीमत 40 प्रतिशत कम हुई है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर ध्यान देते हुए इस वर्ष पन और पवन ऊर्जा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है और अंतर्राष्ट्रीय गैस आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत चल रही है।