चन्द्रकुंवर की जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया धूमधाम से , जानिए खबर
रुद्रप्रयाग। चन्द्रकुंवर बत्र्वाल स्मृति शोध संस्थान समिति द्वारा हिमवंत कवि चन्द्रकुवंर बत्र्वाल का जन्म शताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया गया। स्वर्गीय हरिदत्त बेंजवाल राइंका अगस्त्यमुनि में आयोजित कार्यक्रम में कवि की प्रतिमा पर माल्र्यापण और दीप प्रज्जवलन के साथ ही दो दिवसीय कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कुमाऊंनी साहित्यकार मथुरादत्त मठपाल को साहित्य के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘हिमवन्त साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में दास सेवा मण्डल द्वारा बेलपत्र के पौधे भी रोपे गये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के प्राचार्य प्रो जीएस रजवार ने कहा कि कवि चन्द्रकुंवर बत्र्वाल ने हिन्दी साहित्य में अद्वितीय योगदान दिया है। उन्होंने प्रकृति प्रेम का जो सजीव चित्रण किया है, वह हिन्दी साहित्य में विशिष्ठ स्थान रखता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल ने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि इतने महान व्यक्तित्व की कर्मस्थली यह विद्यालय रहा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को कवि के साहित्य को पढ़ने की नसीहत दी। वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि के वंशज डाॅ योगम्बर सिंह बत्र्वाल ने कवि की साहित्य साधना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने कम समय में इतना साहित्य धन हिंदी जगत को दे दिया, जितना कोई मनीषी जीवन भर नहीं दे सकता है। तीन दशक से हिन्दी एवं कुमाऊनी साहित्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य करने वाले वरिष्ठ साहित्यकार मथुरादत्त मठपाल के अस्वस्थ होने के कारण सम्मान ग्रहण करने आए उनके पुत्र नवेन्दु मठपाल ने अपने पिता द्वारा लिखित कुमाऊंनी संदेश का वाचन करते हुए चन्द्र कुंवर बत्र्वाल स्मृति शोध संस्थान का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मंचासीन विशिष्ट अतिथि गढ़वाली व हिन्दी की साहित्यकार बीना बेंजवाल, पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक रमेश चमोला, नरेन्द्र सिंह रौथाण, राजेन्द्र गोस्वामी, कवि जगदंबा चमोला, गंभीर सिंह बत्र्वाल, गायक लोकेंद्र कैंतुरा, पूर्व शिक्षक नेता मगनानन्द भट्ट, प्राशिसं के अध्यक्ष विक्रम झिंक्वाण अन्य अतिथि उपस्थित रहे। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत में राइंका के प्रधानाचार्य जे. पी. चमोला ने अपने स्वागत भाषण में कवि की साहित्य यात्रा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन गिरीश बंेजवाल, कुसुम भट्ट व धीर सिंह नेगी ने संयुक्त रूप से किया। चन्द्रकुंवर बत्र्वाल स्मृति शोध संस्थान समिति के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने कार्यक्रम मेें उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने सभी साहित्य पे्रमियों से मंगलवार को अगस्त्यमुनि महाविद्यालय में होने वाले अखिल भारतीय साहित्यिक परिसंवाद में उपस्थित रहने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने कविता पाठ, निबन्ध प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कविता पाठ में राइका कण्डारा के प्रियंक प्रथम, चिएइंकालेज का प्रियांशु द्वितीय, राइका कण्डारा की दीपशिखा तृतीय, राइका चन्द्रापुरी की पूनम चतुर्थ तथा तक्षशिला जूहास्कूल चाका की प्रिया पंचम स्थान पर रही। निबन्ध प्रतियोगिता में राइका चन्द्रापुरी की अनामिका प्रथम, सविमंदिर अगस्त्यमुनि की आराधना द्वितीय, राइका भीरी की अपूर्वा मैठाणी तृतीय, सविमंदिर अगस्त्यमुनि के आलोक सकलानी चतुर्थ व राबाइकाॅलेज अगस्त्यमुनि की अंजलि गुसाईं पंचम स्थान पर रही। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि की टीम प्रथम, गौरी मेमोरियल इंटर काॅलेज द्वितीय, राइका कण्डारा तृतीय, चिएइंटर कालेज अगस्त्यमुनि चतुर्थ व राइका मणिपुर की टीम पंचम स्थान पर रहे।सभी विजेता प्रतिभागियों को मैडल, ट्राफी व नकद पुरस्कार दिया गया।