छपरा मिड डे मिल केस : प्रिसिंपल को 17 साल की जेल
पटना। बिहार के छपरा के गंडामन में मिड डे मील मामले में कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोषी प्रधान शिक्षिका मीना देवी को एक धारा में 7 साल और दूसरी धारा में 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने मीना देवी पर 3 लाख 75 हजार का जुर्माना भी लगाया है. 16 जुलाई 2013 को हुई इस घटना में 23 बच्चो की मौत हुई थी. और दर्जन भर बच्चे बीमार हो गए थे. सजाएं अलग-अलग चलेंगी। मीना देवी को धारा 304 में दस साल की सजा और ढाई लाख रुपये जुर्माना जबकि धारा 308 में सात साल की सजा और सवा लाख रुपये जुर्माना सुनाया गया है. वहीं, कोर्ट ने मीना देवी के पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. इसी महीने की 24 तारीख को कोर्ट ने प्रधान शिक्षिका पर लगी आईपीसी की धारा 302, 307 और 328 को हटाते हुए उसे 304 और 308 में दोषी करार दिया था। उल्लेखनीय है कि 16 जुलाई, 2013 को सारण जिले के मशरक प्रखंड के एक स्कूल में भोजन खाने के बाद 23 बच्चों की मौत हो गई थी. एक रसोइया व अन्य 24 बच्चों का एक माह तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल “पीएमसीएच˝ में उपचार चला था. जांच में पाया गया था कि रसोइए ने सब्जी बनाने के लिए जब तेल मांगा तो मीना देवी ने जो डब्बा उसे दिया था, वह कीटनाशक दवा का डब्बा था. भोजन बनाने वाली महिला ने मीना से कहा था कि तेल से बदबू आ रहा है, लेकिन मीना ने कहा था, तेल ठीक है, सब्जी में डाल दो. वह भोजन मीना ने नहीं चखा था. रसोइए सहित सभी बच्चों ने खाया, लेकिन कुछ ही देर बाद उनके पेट में दर्द होने लगा और उल्टियां होने लगीं. सभी को अस्पताल ले जाया गया, जहां 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया।