जयललिता मानहानि केस के जरिए लोकतंत्र का गला ना दबाएं : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आलोचकों का मुंह बंद करने के लिए उसके उपर मानहानि का केस करने के लिए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता की कड़ी आलोचना की। विपक्षी नेताओं पर मानहानि का केस दर्ज करने पर जयललिता को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, आप पब्लिक फीगर है इसलिए आपको आलोचनाओं का सामना करना होगा। जज ने कहा कि तमिलनाडु एकमात्र ऐसा राज्य है जो मानहानि के मामलों के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है। राज्य सरकार ने कोर्ट को सूचित किया था कि पिछले पांच सालों में 200 से अधिक मानहानि के मामले दर्ज हुए। मीडिया के खिलाफ 55 मामले दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जयललिता को ये बात तब कही गई जब डीएमडीके अध्यक्ष ए. विजयकांत की तरफ से अपने खिलाफ मानहानि का मुकदमा खारिज करने की दायर की गई याचिका पर सुनवाई चल रही थी। विजयकांत पर राज्य सरकार ने मानहानि का केस किया था। विजयकांत का नाम 28 ऐसे मानहानि के मामलों में लिया गया है जिसमें जयललिता और उसकी सरकार शामिल है। जयललिता के प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि दिसंबर में बाढ़ प्रभावित चेन्नई को सरकार ने उचित तरीके से नहीं संभाला। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।