जासूस होने का पाक का दावा सही नहीं
हेग। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने के खिलाफ याचिका पर भारत को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में बड़ी जीत मिली है. हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अंतिम फैसला सुनाए जाने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाए रखने का आदेश दिया है। अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के जज जस्टिस रोनी अब्राहम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उसे जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा नहीं माना जा सकता. पाकिस्तान ने अदालत में जो भी दलीलें दीं, वे भारत के तर्क के आगे कहीं नहीं ठहरतीं. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वियना संधि के तहत भारत को कुलभूषण जाधव तक कन्नन्सुलर एक्सेस मिलना चाहिए. अब्राहम ने कहा कि जाधव की गिरफ्तारी विवादित मुफ्रा है. अगस्त 2017 में अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगी रहनी चाहिए। कोर्ट ने इसके साथ ही पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव की जान पर खतरे को लेकर भारत की चिंता पर गौर करते हुए पाकिस्तान से कहा कि वह जाधव के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई ना करे और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में सोमवार को भारत और पाकिस्तान ने अपना-अपना पक्ष रखा था. इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय अपना फैसला सुनाने जा रहा है. भारत ने सबूतों के आधार पर कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए जाधव पर पाकिस्तान के सभी आरोपों को झूठ बताया था जबकि पाकिस्तान ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में सुनवाई पर सवाल खड़े किए थे। अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में जाधव की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने केस की पैरवी की थी। भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए. भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है।