डॉ. कलाम को संसद का कामकाज बाधित होने पर थी चिंता
एपीजे अब्दुल कलाम जीवन के अंतिम सफर के समय देश को लेकर चिंताए बढ़ी हुई थी | शिलांग जाने के समय में सफर के वक्त वह कई मुद्दों पर बात और विचार विमर्श किये | कलाम सर पंजाब में हुए हमलो से बेहत चिंतित थे मासूम लोगों की मौत ने उन्हें गमगीन कर दिया था | सफर के समय बात विचार विमर्श के दौरान देश के प्रति उनकी सबसे बड़ी चिंता संसद के कामकाज बाधित होने पर थी | उन्होंने कहा इसके लिए ऐसे कानून बनाये जाएं कि किसी भी संसद की कार्यवाही सप्ताह में दो बार से अधिक तब तक स्थगित नही की जा सकती है जब तक संसद के सारे कार्य पूरे न हो जाएं | सफर समाप्त होने पर कलाम ने कहा कि देश के युवाओं को कुछ करना चाहिए भविष्य की दुनिया तुम्हारी है |