Breaking News:

दुष्कर्म का आरोप निकला झूठा, बा-इज्जत बरी हुए सैफ अली सिद्दीकी, जानिए खबर -

Friday, April 19, 2024

उत्तराखंड : 19 अप्रैल (कल) को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा मतदान -

Thursday, April 18, 2024

यूपीएससी परिणाम : जौनपुर जिले की सृष्टि मिश्रा पहले ही प्रयास में हासिल की 95 वीं रैंक -

Thursday, April 18, 2024

पहचान : राष्ट्र सेवा पुरस्कार से शिक्षाविद एवं समाजसेवी जितेंद्र कुमार डंडोना हुए सम्मानित -

Thursday, April 18, 2024

इनसे सीखे : 22 की उम्र में सब्जी वाले के बेटे ने खड़ी कर दी बड़ी कंपनी -

Thursday, April 18, 2024

मेरे भविष्य के लिए मम्मी पापा वोट देने जरूर जाना … -

Thursday, April 18, 2024

उत्तर प्रदेश : सपा ने मछलीशहर लोकसभा सीट से 25 वर्ष की प्रिया सरोज को उतारा मैदान में, जानिए कौन है प्रिया सरोज -

Sunday, April 14, 2024

देशभक्त, ईमानदार,चरित्रवान नेताओ एवं अधिकारियो की देश को जरूरत -

Sunday, April 14, 2024

उत्तराखंड : अब तक पोस्टल बैलेट के माध्यम से हो चुका 94.73 प्रतिशत मतदान -

Sunday, April 14, 2024

देश में जारी समस्याओं का दूसरा नाम कांग्रेसः योगी आदित्यनाथ -

Sunday, April 14, 2024

राष्ट्रभक्ति और आस्था चुनावी स्टंट, भाजपा नौटंकी बाज पार्टीः प्रियंका गांधी -

Sunday, April 14, 2024

11 अप्रैल को ऋषिकेश में जनसभा को सम्बोधित करेंगे पीएम मोदी -

Wednesday, April 10, 2024

प्रियंका गांधी 13 अप्रैल को करेंगी रामनगर एवं रूड़की में चुनावी जनसभा को संबोधित -

Wednesday, April 10, 2024

गंगोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुलेंगे -

Wednesday, April 10, 2024

दुखद : खाई में गिरा पिकअप वाहन, आठ लोगों की मौत -

Wednesday, April 10, 2024

लापता छात्र का डेढ़ माह बाद गधेरे में मिला शव, घर में मचा कोहराम -

Wednesday, April 10, 2024

“मिलजाएगा” टीम की अनोखी पहल, जानिए खबर -

Tuesday, April 9, 2024

गरीबी और पोलियो से लड़कर , चूड़ियाँ बेचने वाला बना आईएएस -

Tuesday, April 2, 2024

30 मार्च को ” कचरा जलाना बन्द ” अभियान को लेकर मंथन , जानिए खबर -

Thursday, March 28, 2024

लक्ष्य यूनिवर्सल एकेडमी स्प्रिंग कार्निवल का किया आयोजन, जानिए खबर -

Thursday, March 28, 2024



दर्जनों बार अग्नि परीक्षा देने के बाद भी न्याय की प्रतीक्षा में ………

देहरादून I विदित हो कि पिटकुल झाझरा ट्रॉन्सफॉर्मर विवाद मे चार अफसरों को आंशिक दोषी ठहराया गया था I इसकी रिपोर्ट सचिव ऊर्जा को सौंप दी गई थी, लेकिन सीपीआरआई बंगलुरु की जांच रिपोर्ट आने तक कार्यवाई को टाल दिया गया था I ट्रॉन्सफॉर्मर प्रकरण मे प्रारंभिक जांच के बाद 12 अफसरों को चार्जशीट दे गई थी I इन अफसरों के जबाबों की जांच के बाद यूपीसीएल के निदेशक ऑपरेशन अतुल अग्रवाल और निदेशक मानव संसाधन आशीष कुमार ने पिटकुल के एमडी को दस माह पूर्व रिपोर्ट सौंप दी गयी थी I कार्यवाई ऊर्जा सचिव स्तर से होनी थी जो सीपीआरआई बंगलुरु की रिपोर्ट आने तक टाल दी गई थी I खास बात यह है की इस सम्बन्ध मे सीपीआरआए ने पूर्व में भेजी रिपोर्ट में कई बार साफ किया था की उसे साइट जांच को मैग्नेटिक इम्बैलेंस टेस्ट, एसएफआरए टेस्ट और इम्पैक्ट वैल्यू का रिकॉर्ड नहीं दिया गया था, परन्तु जाँच को प्रभावित करने के उद्देश्य से एक ट्रांसफार्मर की एसएफआरए को दूसरे ट्रांसफार्मर के एसएफआरए टेस्ट रिपोर्ट से मैच करवाने का कुप्रयास किया गया जोकि एक तरह से गहरी साजिश है एवं जर्क वैल्यू ट्रांसफार्मर के ढुलान के दौरान अनुमन्य सीमा से पांच गुना तक चला गया था। ट्रांसफार्मर के फैक्ट्री से चलने के बाद चार्ज किये जाने से पूर्व जर्क वैल्यू की पड़ताल की जानी चाहिए थी I जो ट्रांसफार्मर ख़राब हुआ है, ट्रांसफार्मर के ढुलान के दौरान जर्क वैल्यू चार्ज करने से पहले 22।5 जी सीमा तक चली गयी थी I जबकि 100 टन भार क्षमता के ट्रांसफार्मर की जर्क वैल्यू अधिकतम 2।5 जी से 5 जी सीमा तक ही होनी चाहिए थी I जर्क वैल्यू सामने आने की बाद मैग्नेटिक इम्बैलेंस टेस्ट कर जर्क से हुए नुकसान का ब्यौरा लिया जाना चाहिए था एवं इस ब्योरे को सीपीआरआइ को आंकलन हेतु दिया जाना चाहिए था जोकि पिटकुल दवरा नहीं प्रदान किया गया I साइट पर स्वीप फ्रीक्वेंसी रिजुनैन्स एनेलिसिस टेस्ट (एसएफआरए) देखकर ट्रांजिट खराबी को पकड़ा जा सकता था एवं समाधान निकाल कर ट्रांसफार्मर को चार्ज किया जाना चाहिए था। लेकिन साइट एसएफआरए टेस्ट का रिपोर्ट भी जांच एजेंसी को उपलब्ध नही कराया गया वास्तव मे विभाग द्वारा कोई एसएफआरए टेस्ट साइट पर किया ही नहीं गया था तो उपलब्ध कहाँ से कराया जाता। जबकि मैग्नेटिक बैलेंस टेस्ट ख़राब पाये जाने के बावजूद भी बिना ट्रांसफार्मर की ट्रांजिट खराबी को सुधारे ही १,३२,000 वोल्टेज पर ट्रांसफार्मर को चार्ज कर दिया गया था तो ट्रांसफार्मर जल जाना तो स्वाभाविक ही था I ट्रांसफार्मर जलने का मूल कारण ट्रांसफार्मर ट्रांजिट के दौरान हैवी जर्क एवं हैवी जर्क के कारण ट्रांसफार्मर के कोर क्वाइल के डिस्प्लेस्मेंट / शिफ्टिंग तथा फलस्वरूप मैग्नेटिक बैलेंस टेस्ट मे आयी खराबी है, जिसको मूलतः दूर करने उपरांत ही चार्ज करना चाहिए था तो ट्रांफॉर्मर नहीं जलता I विभाग द्वारा आंतरिक एवं कई बाहय एजेंसी से मामले की दर्जनों बार जांच करने के बाद भी प्रारम्भिक एवं अंतिम परिणाम / रिपोर्ट सामान रही जिससे यह तो साफ़ हो गया की झूठ के पांव नहीं होते और झूठ का सहारा लेकर किसी भी निर्दोष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता | अंततोगत्वा जांच अपनी सही परिणति तक पहुंची एवं दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। इस प्रकरण में यह भी उल्लेखनीय है कि इस मामले से जुड़े अनिल कुमार का चयन निदेशक परियोजना, पिटकुल के रिक्त पद पर वर्षो पूर्व हुआ था। चयनित पद पर अनिल कुमार की नियुक्ति शासन द्वारा रोक दी गयी थी। अनिल कुमार द्वारा दायर याचिका के निस्तारण मे माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल ने डेढ़ वर्ष पूर्व उनके पद पर किसी अन्य की नियुक्ति पर प्रतिबंध लगाया था एवं जाँच को तीन माह में पूर्ण करने के आदेश भी दिए थे I प्रबंध निदेशक, पिटकुल से अंतिम आख्या के अवांछित विलम्ब होने से शासन की निदेशक परियोजना, पिटकुल के रिक्त पद पर चयनित अनिल कुमार की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी भी लंबित है, शासन दवरा माननीय उच्च न्यायलय नैनीताल को एक वर्ष पूर्व (मार्च 2018) में अवगत कराया गया था कि अनिल कुमार मुख्य अभियंता को निर्दोष पाए जाने पर निदेशक परियोजना के पद पर नियुक्त कर दिया जायेगा। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ हे कि दस माह पूर्व सौंपी गयी रिपोर्ट में अनिल कुमार, मुख्य अभियंता पूर्णतया निर्दोष पाए गए थे। पिटकुल के वर्तमान प्रबंधन एवं ऊर्जा की तेज तर्रार, न्यायप्रिय सचिव शीघ्र ही न्यायपूर्ण कदम उठाते हुए नियुक्ति आदेश पारित करेंगी। जिससे माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना कारित होने से बचा जा सके और विभाग के कर्मठ कर्मचारियों में न्याय के प्रति विश्वास बना रहे।

जांच रिपोर्ट मे 8 अफसरों को क्लीन चिट

जांच रिपोर्ट मे 12 में से 08 अफसरों को क्लीन चिट सीपीआरआई बंगलुरु एवं आई आई टी रुड़की की रिपोर्ट की रिपोर्ट आने के बाद सरकार जीरो टॉलरेंस के तहत जाँच संपन्न कर पिटकुल को रिपोर्ट सौंप दी गयी थी। निर्दोष करार अफसर में रिपोर्ट मे मुख्य अभियंता अनिल कुमार, एसई राकेश कुमार, ईई राजेश गुप्ता, सतीश कुमार, मुकेश चंद्र बड़थ्वाल, लक्ष्मीप्रसाद पुरोहित, शीशपाल सिंह और मनोज कुमार बहुगुणा को निर्दोष करार दिया गया था I दोषी करार अफसर में मुख्य अभियंता अजय अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता कार्तिकेय दुवे, एक्सईएन एसडी शर्मा, एई राहुल अग्रवाल आंशिक दोषी करार किये गए।

Leave A Comment