Breaking News:

चारधाम : एक सप्ताह में 12.5 लाख रजिस्ट्रेशन -

Monday, April 22, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में ईवीएम से अंतिम रूप से 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ -

Monday, April 22, 2024

मजदूर का बेटा बना आईएएस अफसर -

Monday, April 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : नाबालिग रेप पीड़िता को 7 माह का गर्भ गिराने की दी इजाजत -

Monday, April 22, 2024

केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत, 40 हज़ार से अधिक लोग हुए बेघर -

Monday, April 22, 2024

देहरादून : केक खाने से किसी को हुई उल्टी तो कोई गश खाकर गिरा, जानिये खबर -

Sunday, April 21, 2024

दुष्कर्म का आरोप निकला झूठा, बा-इज्जत बरी हुए सैफ अली सिद्दीकी, जानिए खबर -

Friday, April 19, 2024

उत्तराखंड : 19 अप्रैल (कल) को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा मतदान -

Thursday, April 18, 2024

यूपीएससी परिणाम : जौनपुर जिले की सृष्टि मिश्रा पहले ही प्रयास में हासिल की 95 वीं रैंक -

Thursday, April 18, 2024

पहचान : राष्ट्र सेवा पुरस्कार से शिक्षाविद एवं समाजसेवी जितेंद्र कुमार डंडोना हुए सम्मानित -

Thursday, April 18, 2024

इनसे सीखे : 22 की उम्र में सब्जी वाले के बेटे ने खड़ी कर दी बड़ी कंपनी -

Thursday, April 18, 2024

मेरे भविष्य के लिए मम्मी पापा वोट देने जरूर जाना … -

Thursday, April 18, 2024

उत्तर प्रदेश : सपा ने मछलीशहर लोकसभा सीट से 25 वर्ष की प्रिया सरोज को उतारा मैदान में, जानिए कौन है प्रिया सरोज -

Sunday, April 14, 2024

देशभक्त, ईमानदार,चरित्रवान नेताओ एवं अधिकारियो की देश को जरूरत -

Sunday, April 14, 2024

उत्तराखंड : अब तक पोस्टल बैलेट के माध्यम से हो चुका 94.73 प्रतिशत मतदान -

Sunday, April 14, 2024

देश में जारी समस्याओं का दूसरा नाम कांग्रेसः योगी आदित्यनाथ -

Sunday, April 14, 2024

राष्ट्रभक्ति और आस्था चुनावी स्टंट, भाजपा नौटंकी बाज पार्टीः प्रियंका गांधी -

Sunday, April 14, 2024

11 अप्रैल को ऋषिकेश में जनसभा को सम्बोधित करेंगे पीएम मोदी -

Wednesday, April 10, 2024

प्रियंका गांधी 13 अप्रैल को करेंगी रामनगर एवं रूड़की में चुनावी जनसभा को संबोधित -

Wednesday, April 10, 2024

गंगोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुलेंगे -

Wednesday, April 10, 2024



धरती का सीना छलनी करके आखिर क्या मिला

आज 45वां पृथ्वी दिवस यानि 22 अप्रैल का दिन है, विश्व के 192 देश पृथ्वी के प्रति आज अपना चिंतन ब्यक्त करेंगे… जीवन दायनी पृथ्वी पर हो रहे उथल पुथल के लिए हमें तय करना होगा हम जिस प्रकार का जीवनयापन कर रहे हैं, क्या उससे आने वाली पीढियां हमें माफ़ कर पायेंगी? विश्व की जनसँख्या आज 7 अरब के पार पहुँच चुकी है, अकेले भारत पर गौर करें तो 68 वर्ष पूर्व जब भारत आजाद हुवा था तब भारत की जनसँख्या मात्र 30 करोड़ थी जो आज बढ़ कर 130 करोड़ हो चुकी है और ये सरकारी आंकड़ा है जिस पर हमेशा प्रश्नचिन्ह रहता है, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल आदि देशों के भी करोड़ों लोग अवैध रूप से भारत में रहते हैं| संसाधनों की बात करें तो भारत में आज़ादी के समय से ही भुखमरी चल रही थी जबकि तब जनसँख्या मात्र 30 करोड़ थी, ऐसे में आज ये और भी सोचनीय विषय हो जाता है कि आज भारत की 130 करोड़ की जनसँख्या के लिए खाद्यान कहाँ पैदा होता होगा? कहाँ इतनी जनसँख्या रहती होगी ? क्या खाती होगी ? कहाँ चलती होगी ? और कैसे चलती होगी ? क्या हमने कभी इस ओर गौर किया ?

आज विश्व भर में 7 अरब से उपर की जनसँख्या हो चुकी है, ऐसे में गौर करने वाली बात ये है कि केवल जनसँख्या ही नहीं बढ़ी बल्कि मनुष्य की भौतिक आवश्यकताएं भी साथ-साथ बढीं हैं ? भवन, गाड़िया, सड़क, कारखाने, होटल, मॉल, दुकान, रेल, जहाज, मोबाइल, टीवी, फ्रिज, एसी, कूलर, पंखे, बल्ब, प्लास्टिक, लोहा, कांच, कोयला, तेल, गैस, चूल्हा, चिमनी, कम्प्यूटर, फैक्स, फोटो स्टेट मशीन, बिजली परियोजनायें, मोटर, बैट्री, टाइल, ईंट, सीमेंट, पेंट, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च, आश्रम खिलोने आदि ? ये सब बढ़ा है और बेतहाशा बढ़ा है और ये सब हमें किसने दिया ? हम इंसानों ने अपनी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिस भी वस्तु की आवश्यकता हुई वो हमने पृथ्वी से हासिल की इतना ही नहीं हमें जो आवश्यक नहीं भी था वो हमने धरती का सीना छलनी करके हासिल की ? हम हिन्दू,मुसलमान,सिख,इसाई,बौध,पारसी,यहूदी चाहे किसी भी समुदाय से हों, चाहे कितने ही पूंजीपति या गरीब हों हम सबका अस्तित्व तभी तक है जब तक ये धरती और इसका पर्यावरण सुरक्षित है, यहाँ शुद्ध पीने का पानी, खाने के लिए पोष्टिक खाद्यान और साँस लेने के लिए शुद्ध हवा है | धरती को सुरक्षित रखने की नैतिक जिम्मेदारी हम मानवों पर है और हम मानव ही इसको नष्ट करने पर तुले हैं| हमें धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा | हमें धरती पर कम से कम कंक्रीट, जीव-जंतुओं,पशु-पक्षियों की सुरक्षा, शुद्ध पानी के लिए वृक्षारोपण, कूड़े का जैविक निस्तारण, जैविक खेती, सौर एवं पवन उर्जा का स्त्माल, ग्रीन-हाउस गैसों में कमी लाने के लिए ठोस और कारगर कदम उठाने होंगे, तभी जाकर हम धरती को सुरक्षित रख पायेंगे |

भार्गव चन्दोला (सामाजिक कार्यकर्ता, हिमालय बचाओ आन्दोलनकारी)

Leave A Comment