निजी क्षेत्र भी आपदा जोखिम को कम करने में अपना सहयोग दे :किरण रिजिजू
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने निजी क्षेत्र को आपदा जोखिम कमी संबंधी प्रयासों (डीआरआर) में शामिल होने को कहा। समेकित आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समाज के छठे वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि डीआरआर सरकार की प्राथमिकता है लेकिन निवेश को कई गुणा बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डीआरआर के बिना विकास संबंधी कोई भी गतिविधि अपूर्ण रहेगी। रिजिजू ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन के कारण धरती पर आपदाओं की संभावना अधिक हो गई है तथा संभवतः यह साल इतिहास में सबसे गर्म साल रिकॉर्ड हुआ है। उन्होंने कहा कि आपदाओं के कारणों का न्यूनीकरण करने के लिए सतत विकास जरूरी है। रिजिजू ने कहा कि विकास में लापरवाही के चलते आए दिन आपदाएं सामने आ रही है तथा जोखिम को कम करने और बेहतर ढंग से तैयार होने के लिए हमें अपने संसाधनों में लगातार सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि 1999 में ओडिशा तट पर आए भीषण चक्रवाती तूफान की तुलना में दो साल पहले उसी तीव्रता से आए तूफान में बीस से कम जानें गईं जबकि 1999 में चक्रवाती तूफान से दस हजार लोगों की मृत्यु हुई थी। रिजिजू ने कहा कि आपदा प्रबंधन में वैश्विक रूप में भारत अग्रणी देशों में से एक है तथा पिछले सालों के दौरान आपदाओं का प्रभावी रूप से सामना करने के लिए हमने क्षमताओं का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि आपदाओं के लिए धरती को कम जोखिम वाली जगह बनाना हमारा उद्देश्य है तथा इसके लिए लोगों को अधिक उत्तरदायी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेंडाई फ्रेमवर्क के लाए जाने के बाद आपदा जोखिम में कमी के लिए भारत नवंबर 2016 में पहली एशियन मंत्री स्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) का आयोजन करने जा रहा है।