भय्यूजी महाराज ने गोली मारकर आत्महत्या की, सुसाइड नोट आया सामने
आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने आज लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली. इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में उनकी मौत की पुष्टि की है. गोली की आवाज सुनने के बाद उनके आवास में मौजूद लोग उनके कमरे की ओर दौड़े फिर घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. भय्यूजी महाराज के मौत के बाद पुलिस को उनका एक सुसाइट नोट मिला है. सुसाइड नोट में लिखी चंद लाइनों से ही भय्यूजी महाराज यह बता गए कि वह कितने तनाव में थे. पुलिस को मिले भय्यूजी महाराज के सुसाइट नोट में लिखा गया, ‘पारिवारिक जिम्मेदारियां को संभालने के लिए किसी को वहां होना चाहिए. मैं बेहद परेशानी में हूं और तनाव के साथ जा रहा हूं.’ मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने अभी हाल ही में उनको राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. भय्यूजी महाराज के मौत पर शिवराज सिंह ने गहरा शोक जताया. सीएम शिवराज सिंह के अलावा बीजेपी और कांग्रेसी नेताओं ने भी उनके मौत पर शोक जताया. उन्होंने करीब 49 साल की उम्र में दूसरी शादी की थी. उन्होंने पहली पत्नी की मौत होने के बाद बेटी कुहू और मां का ख्याल रखने के लिए ही ये शादी की थी. उनकी पहली पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है. पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है. इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक अजय कुमार शर्मा ने इस बात की पुष्टि कर बताया कि भय्यूजी महाराज का उपचार के दौरान अस्पताल में निधन हो गया है. भय्यू महाराज नाम तब चर्चा में आया था, जब भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे को मनाने के लिए यूपीए सरकार ने उनसे संपर्क किया था. भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदयसिंह देशमुख था। इनका जन्म 29 अप्रैल 1968 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में हुआ था। भय्यूजी के चहेते उन्हें भगवान सामान पूजते थे। केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख से उनके करीबी संबंध थे। बीजेपी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उनके भक्तों की सूची में शामिल थे। महाराष्ट्र की राजनीति में उन्हें संकटमोचक के तौर पर देखा जाता था। महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा मिला हुआ था। घंटों जल समाधि करने का उनका अनुभव रहा।