भारतीय नौसेना ने एमवी जिंदल कामाक्षी के 20 सदस्यों को बचाया
जिंदल कामाक्षी नाम के एक जहाज ने संकट में फंसे होने का अलर्ट दिया। यह जहाज 20 नाविकों के साथ मुंदड़ा से कोच्चि यात्रा पर था। यह व्यावसायिक जहाज मुम्बई तट से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर था और बताया गया कि यह एक ओर 20 डिग्री झुक रहा है। खराब मौसम के कारण विषम परिस्थिति में जहाज ने वसई खाड़ी से 25 किलोमीटर पश्चिम में लंगर डाला। मुम्बई स्थित तटरक्षक बल समन्वय केन्द्र को जहाज के आपदा में फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई। तेज हवाओं, बारिश, घने अंधेरे और कम दृष्टता के बावजूद भारतीय नौसेना ने 22 जून, 2015 को रात 12.45 पर एक खोजी हेलीकॉप्टर रवाना किया। हेलीकॉप्टर ने जहाज का निरीक्षण करने के बाद एमवी जिंदल कामाक्षी के कैप्टन से तुरन्त बातचीत की जिसमें उन्होंने तुरन्त सहायता की आवश्यकता से इन्कार कर दिया। जिसके बाद हेलीकॉप्टर वापिस मुम्बई लौट आया। किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में तुरन्त सहायता प्रदान करने के लिए गाइडेड मिसाईल ड्रिस्टॉयर आईएनएस मुम्बई को तैयार किया गया। संकट में फंसे जहाज के 19 भारतीय नाविकों को हेलीकॉप्टर द्वारा सुरक्षित निकालने के बाद कोलावा स्थित आईएनएस शिकरा में लाया गया। जहाज के मास्टर को भारतीय तट रक्षक के चेतक हेलीकॉप्टर द्वारा बचाया गया। सुबह 8.45 पर एक और हेलीकॉप्टर को रवाना किया गया। एमवी जिंदल कामाक्षी जहाज फिलहाल खाली है और इसने लंगर डाल रखा है। हेलीकॉप्टर द्वारा बचाव अभियान के दौरान आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए आईएनएस मुम्बई एमवी जिंदल कामाक्षी के लगातार निकट बना रहा। आईएनएस मुम्बई के अतिरिक्त भारतीय तटरक्षक ने एक और पेट्रोल जलयान आईसीजीएस सम्राट को भी जिंदल कामाक्षी जहाज के निकट मौजूद रखा। एमवी जिंदल कामाक्षी विमान के कैप्टन और अन्य कर्मियों ने बेहद विषम परिस्थितियों में तुरन्त कार्रवाई कर बचाव अभियान के लिए नौसेना और तटरक्षक बल की सराहना की है।