भारतीय रेलवे मानव रहित फाटक को करेगी समाप्त
रेलवे मंत्रालय मानव रहित फाटकों पर दुर्घटनाओं से होने वाली जान-माल की क्षति के प्रति चिंतित है और इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे प्रणाली में चरणबद्ध तरीके से सभी मानव रहित रेलवे फाटकों को समाप्त करने की एक व्यापक योजना पर कार्य कर रहा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-17 के दौरान अपने रेल बजट भाषण में “शून्य दुर्घटना अभियान” घोषणा की थी। यह कहा गया था कि भारतीय रेलवे अगले तीन चार वर्षों में ब्रॉड गेज लाइनों पर सभी मानव रहित फाटकों को समाप्त करेगा, जिसके लिए नई वित्त व्यवस्था विकसित की जा रही है। भारतीय रेलवे के अंतर्गत कुल मिलाकर 28,607 लेवल क्रॉसिंग्स हैं। इनमें से 19,267 लेवल क्रॉसिंग्स मानव द्वारा संचालित किए जाते हैं और 9,340 लेवल क्रॉसिंग्स मानव रहित है। मानव रहित कुल फाटकों में से करीब 6,388 लेवल क्रॉसिंग्स ब्रॉड गेज नेटवर्क पर हैं, जिन्हें समाप्त करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। शेष 2,952 मीटर गेज/नेरो गेज नेटवर्क पर विद्यमान है। भारतीय रेलवे ने पहले चरण के दौरान ब्रॉड गेज लाइन पर सभी मानव रहित फाटक हटाने का फैसला किया है। इसके लिए जिन मार्गों पर शून्य/नगण्य ट्रेन व्हीकल यूनिट (टीवीयू) हैं, उन्हें बंद करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार कुछ मानव सहित/मानव रहित स्तर के फाटक या भूमिगत/सड़क मार्ग/रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) को आपस में मिलाने के प्रयास किए जाएंगे। वर्तमान कार्ययोजना में ब्रॉड गेज लाइन पर अगले तीन-चार वर्षों में सभी 6,352 लेवल क्रॉसिंग्स समाप्त करने का प्रस्ताव है। 2015-16 के दौरान रेलवे ने 1148 लेवल क्रॉसिंग्स और 1253 लेवल क्रॉसिंग्स समाप्त किए। रेलवे अपना लक्ष्य हासिल कर चुका है और अब 1440 लेवल क्रॉसिंग्स को समाप्त करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान भी चला रहा है। इस अभियान में मानव रहित फाटकों के आसपास के क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटकों का आयोजन, पर्चे बांटना और बड़े पैमाने पर एसएमएस अलर्ट भेजना जैसे जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।