मणिपुर : दूसरो के लिए संघर्षरत इरोम शर्मिला को मिले सिर्फ 90 वोट
मणिपुर विधानसभा चुनाव में सभी की नजरें 16 साल तक मानवाधिकार की लड़ाई करने वाली इरोम शर्मिला पर गढ़ी थीं. जानकारी हो की सशस्त्र बल विशोषाधिकार अधिनियम, 1958 के खिलाफ बीते साल इरोम ने अपने 16 साल लंबे अनशन को तोड़कर राजनीति में आने का फैसला लिया था. अभी हाल ही में उन्होंने अपना अनशन तोड़ा था. इस विधानसभा में शर्मिला की पीपुल्स रिसर्जेसेंजेंस एंड जस्टिस एलाइंस(प्रजा) पार्टी ने 60 में से 3 सीटों पर चुनाव लड़ा.मणिपुर में पहली बार चुनाव लड़ रहीं इरोम शर्मिला पूरी तरह से नकार दी गईं. उन्हें महज 90 वोट मिले. 16 साल तक मानवाधिकार की लड़ाई करने वाली इरोम शर्मिला हार से आहत हुईं. जिसके चलते राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया.