महिला अफसर बोली, आईएएस अधिकारी अनुराग की हत्या हुई
लखनऊ । आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में कनार्टक की एक महिला अधिकारी सामने आई हैं। बीवर जिले में पंचायत विकास अधिकारी के पद पर तैनात मंगला कामले का कहना है कि अनुराग की हत्या की गई है। एक समाचार पत्र से बातचीत में उन्होंने कहा कि अनुराग ने जान पर खतरे की बात उनसे कही थी। महिला अधिकारी के मुताबिक कनार्टक के बीवर में अनुराग ने आठ इंजीनियर को जेल भिजवाया था। इस दौरान उनका एक कंटेक्टेर से विवाद भी हुआ था। जिसके बाद कुछ नेता अनुराग के पीछे पड़ गए थे। मंगला कामले ने साजिश के तहत अनुराग की हत्या कराए जाने की बात कही। हत्या से पूर्व थी घोटाले की चचार्रू महिला अधिकारी का कहना है कि अनुराग की हत्या से एक माह पूर्व ही कनार्टक की मीडिया में एक बड़े घोटाले का खुलासा होने की बात आम हो गई थी। उन्होंने बताया कि एक पार्टी के नेता ने चैनल पर बोला था कि दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने वाला है, जिसमें कनार्टक सरकार के कई अधिकारी व सफेदपोश बेनकाब होंगे। एसआइटी की जांच पर उठाए सवालरू कामले का कहना है कि वह एसआइटी को काफी कुछ बताना चाहती थीं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने एसआइटी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआइ से मामले की जांच कराने की मांग की। बकौल मंगला, अनुराग सर ने कहा था कि उनकी जान भले चली जाए, लेकिन वह भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे। साजिश की आशंका जताई थीः उन्होंने बताया था कि राजनीतिक पार्टी के कुछ नेता अनुराग की जान के दुश्मन बन गए हैं। यही लोग उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने अपने खिलाफ साजिश रचे जाने की भी आशंका जताई थी। वह काफी दिन से बहुत सतर्क रहने लगे थे। खौफ के कारण लगवाया था कैमरारू अनुराग ने करीब तीन-चार माह पूर्व ही अपने सरकारी आवास पर कैमरे लगवाए थे। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से अनुमति भी ली थी। मयंक के मुताबिक उनके भाई को डर था कि उसपर हमला हो सकता है। यही कारण है कि अनुराग ने कैमरे लगवाए थे। नहीं मिली पुरानी रिकार्डिंग एसआइटी ने अनुराग के सरकारी आवास पर जाकर पड़ताल की थी। इस दौरान उन्होंने आवास पर लगे कैमरों की पड़ताल भी की।