मां गंगा है मोक्षदायिनी : स्वामी कैलाशानंद
हरिद्वार । श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि मां गंगा मोक्षदायिनी है। जो युग युगांतर से कलकल बहकर प्राणीमात्र का उद्धार करती चली आ रही है। मां गंगा को स्वच्छ रखना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि मां गंगा का जल मात्र नही बल्कि अमृत है। जिसके आचमन मात्र से ही व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है और व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। युगों युगों से मां गंगा श्रद्धालु भक्तों का कल्याण कर रही है। हरिद्वार धर्मनगरी में लाखों करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा का आचमन कर परिवारों की सुख समृद्धि की कामना करते हैं। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि मां गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बहने दें। गंगा तटों पर निवास कर रहे प्राणी मां गंगा का विशेष ध्यान रखें। गंगा में मैले कुचेले पदार्थ ना फेंके। मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में सभी की सहभागिता होनी चाहिए। महाकुंभ मेला प्रारम्भ होने वाला है। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार से भी अपील करते हुए कहा कि गंगा स्वच्छता को लेकर चलायी जा रही योजनाओं का सही रूप से क्रियान्वयन होना चाहिए। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए गंगा घाट स्वच्छ सुन्दर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवीय गलतियों के चलते मां गंगा के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। पौराणिक धरोहर के संरक्षण को लेकर सभी को अपने प्रयास अवश्य करने होंगे। करोड़ों हिन्दुओं की आस्था की प्रतीक तथा भारतीय संस्कृति की पहचान मां गंगा जग की पालनहार है। गंगा के तट पर किए गए धार्मिक आयोजनों का सहस्त्र गुणा लाभ श्रद्धालु भक्तों को प्राप्त होता है। इस अवसर पर पंडित प्रमोद पाण्डे, आचार्य पवन दत्त मिश्र, पंडित शिवकुमार, विवेकानंद ब्रह्मचारी, बाल मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, अंकुश शुक्ला, सागर ओझा, अनिल सिंह, अनुज दुबे, अनूप भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।