मीडिया का देश के प्रति जवाबदेही जरुरी
आम आदमी पार्टी में इन दिनों जो भी कुछ हो रहा है इसको लेकर मीडिया के साथ साथ पुरे देश की जनता को भ्रम लग रहा है की क्या पार्टी टूट जाएगी .मीडिया का आम आदमी पार्टी में दिलचस्पी इस कदर बड़ी है मानो देश के लिए किसान का भू अध्यादेश , भ्रस्टाचार , काला धन आदि समस्याओ पर पर्दा डालने सरीखा है | सच्चाई यह है की राजनीतिक मामलों की समिति(पीएसी) से योगेन्द्र यादव को हटा दिया गया लेकिन पार्टी की सर्वोच्च समिति राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर बने रहेंगे। मेरा मानना है कि अरविंद केजरीवाल और योगेन्द्र यादव के बीच मतभेद का एक महत्वपूर्ण बिन्दु पार्टी का विस्तार अन्य राज्यों मे करने का भी था। जहां अरविंद केजरीवाल अपने को पाॅच वर्ष तक दिल्ली मे ही फोकस करना चाह रहे थे वही योगेन्द्र यादव इस पार्टी का विस्तार अन्य राज्यों मे भी करना चाह रहे थे।जहां तक प्रशांत भूषण की बात है दिल्ली चुनाव के दौरान जिस तरह उनके पिता शांति भूषण ने किरण बेदी के पक्ष मे बयान देकर पार्टी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर दिया था और उस बयान पर प्रशांत जी की चुप्पी का साफ संकेत गया था कि वे भी अपने पिताजी के बयान से सहमत है।खैर जो भी हो लेकिन इतना तो मानना ही होगा पार्टी के आम कार्यकर्ताओ के बीच सन्देश तो गलत जा रहा है | उम्मीद के साथ और नयी सोच के साथ आगे बढ़ने का समय है जिससे देश की जनता को उम्मीदो की लौ जलती रहे| बीबीसी लन्दन का निर्भया के बलात्कारियो के साक्षात्कार को प्रसारित कर महिलाओ के प्रति क्या सन्देश देना चाह रहा है |देश की मीडिया इसका भी अधिकाअधिक प्रचार प्रसार करने में नहीं चुकी |मीडिया का जवाबदेही तो होना चाहिए पर मीडिया को भी देश के प्रति जवाबदेही होना चाहिए|