योग पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संबोधन
आज हम पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे है | जब मैंने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण के दौरान वैश्विक समुदाय से अनुरोध किया था कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाए। उसके बाद जो उत्साह देखा गया वैसा मैंने बहुत कम देखा है।देशों के समुदाय ने एकजुट होकर जवाब दिया। 11 दिसंबर, 2014 को 193 सदस्यों की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रिकॉर्ड 177 समर्थक देशों के साथ आमसहमति से इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। वैसे UN के इतिहास में अपने आप में एक बहुत बड़ी घटना है। आज जब मैं यहां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर खड़ा हूं तो दुनिया भर में योग दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया भर में लाखों लोग इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। सुदूर पूर्व में सूर्योदय से लेकर पश्चिम में सूर्यास्त तक लोग आज इस भव्य योग दिवस का आयोजन करेंगे।भारत में, आज सुबह राजपथ पर, राज्यों में और जिला मुख्यालयों, समुदाय समूहों में और अपने घरों में भी लाखों लोगों ने सरल योगासन किए। योग दिवस पर अन्य देशों के हमारे भाइयों-बहनों में यह एकता की भावना हमारे दिलों और दिमागों को करीब लाई है। मुझे यहां इस अवसर पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करते हुए बहुत खुशी हो रही है। मैं समर्थन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आभारी हूं। मैं पूरी विनम्रता से स्वीकार करता हूं कि यह समर्थन सिर्फ भारत के लिए ही नहीं है। यह समर्थन योग की महान परंपरा के लिए है। वह परंपरा जो व्यक्तियों और समाजों को आत्मएकता और एक दूसरे के साथ एकता की भावना की खोज करने में मदद करती है।