योग विज्ञान है, रूढ़ि नहीं; योग स्वास्थ्य सुधार में सहायकः उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि योग एक विज्ञान है कोई रूढ़ि नहीं। योग स्वास्थ्य सुधार में सहायक है। श्री अंसारी आज यहां ‘योगा फॉर बॉडी एंड बियोन्ड’ विषय पर दो दिन के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन भाषण दे रहे थे। इस अवसर पर आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा परिवार और कल्याण राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, योग गुरू स्वामी रामदेव, डॉ. प्रणव पंण्डया, स्वामी अमृत सूर्यानंद, स्वामी चिदानन्द मुनि तथा प्रो. एच.आर. नगेन्द्र उपस्थित थे।उपराष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी और खराब स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है। अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व को हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं ने बखूबी समझा था।उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सहित विकासशील देशों में जन-स्वास्थ्य के लिए धन पोषण में असमर्थता के कारण पूरक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत बढ़ती जा रही है। इन सबके बीच योग ने विश्व स्तर पर लोगों को आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि इन पूरक उपायों से बीमारी का निदान नहीं होता, लेकिन निश्चित तौर पर इनसे मानव शरीर के कार्यों में कमी होने की प्रक्रिया को धीमी करने में मदद मिलती है। मानव शरीर में कार्यों की कमी से शरीर में बीमारी प्रवेश करती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी तरह के विश्वास और सभी तरह की धारणाओं में ध्यान अभ्यास है। उन्होंने कहा कि मुक्ति मार्ग की प्रथाओं और तरीकों में अंतर के बावजूद सम्मिलन है।