राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने शुरू किया उत्तराखण्ड में पोषण अभियान
हरिद्वार। उत्तरखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बंधन पैलेस ज्वालापुर पहुँच जनपद हरिद्वार में राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरूआत की। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड़ द्वारा पोषण अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल ने उपस्थित गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं को स्वंय और बच्चों को सही पोषण और देखभाल की शपथ दिलायी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विभागीय मंत्री रेखा आर्या विशिष्ट अतिथि रही। कार्यक्रम में जनपद हरिद्वार के अन्य विधायकगण, विभागीय सचिव सौजन्या, विभागीय निदेशक सुश्री झरना कमठान, जिलाधिकारी दीपेंद्र चैधरी, एस0एस0पी0 सेंथिल अबुदई, मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर सहित बाल विकास विभाग के समस्त अधिकारी एंव कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 08 मार्च 2018 को राष्ट्रीय स्तर पर अभियान की शुरूआत होने के बाद देशभर में राज्य स्तर और जनपद स्तर पर देश में कुपोषण के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। पोषण अभियान का उद्देश्य जन्म से 06 वर्ष के बच्चों में अल्प पोषण और कम वजन भार को 2 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष कम करना, साथ ही 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों तथा 15 से 49 वर्ष की किशोरियों एवं महिलाओं में 03 प्रतिशत की दर से रक्त अल्पता को कम करना है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य द्वारा अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच जो देश के भविष्य को रख कर सभी को लक्ष्य के रूप में इस महिलाओं और बच्चों को पोषण को गंभीरता से लेकर जागरूकता व धरातल पर कार्य करने के लिए दिशा दिखायी गयी उसमें सभी को सहभागी होने की बात कही। उन्होंनें कहा कि जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी सभी अपने स्तर पर इस अभियान को निरंतर सफलता की ओर ले जाने में अपना योगदान दें। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कुपोषित बच्चों की सूचनाओं और देखरेख से सम्बधित विभाग की ओर से बनाये गये निगरानी पटल का अनावरण किया तथा सभी को कुपोषण से पोषण की ओर ले जाने की शपथ दिलायी।महिला सशक्तिकरण मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि गर्भावस्था का पता चलते ही उस महिला का तथा कुपोषित बच्चे का पंजीकरण आंगनबाड़ी केंद्र में कराया जाना, यही आपकी देश सेवा ओर मातृ सेवा होगी। युवा और स्वस्थ भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री के सहयोगी बने। जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने एक-एक कुपोषित बच्चा गोद लेकर उसे पोषाहार वितरित किया तथा बच्चे के पूर्ण स्वस्थ्य होने तक उसकी जिम्मेदारी ली।