रिमांड पर लिये गये माओवादिय, हुई घंटों पूछताछ
रुद्रपुर। थाना किच्छा के आनंदपुर मोड़ पर गिरफ्रतार किये गये दोनों माओवादियों को पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर लिये जाने के पश्चात शनिवार दूसरे दिन पूछताछ के दौरान दोनों माओवादियों ने पुलिस को कुछ अहम सुराग बताये। इस दौरान उन्होंने दो महिलाओं का भी जिक्र किया जो माओवादी गतिविधियों में लिप्त रही हैं। जिसके पश्चात पुलिस ने उक्त महिलाओं से भी माओवाद से उनके सम्बन्धों व उनके क्रियाकलापों की विस्तार से पूछताछ की। पूछताछ कर रही पुलिस टीम ने आशंका जतायी है कि वर्ष 2005 में मधुबनी बिहार में हुए नक्सली हमले में स्थानीय माओवादियों का भी हाथ हो सकता है। गौरतलब है कि बीते दिनों किच्छा पुलिस ने दो माओवादियों ग्राम दुमकाबंगर हल्दूचैड़ लालकुआं निवासी रमेश भट्ट उर्फ मनीष मास्टर उर्फ दिवाकर उर्फ भट्ट पुत्र लक्ष्मीदत्त भट्ट तथा ग्राम हल्दुआ गेरेही थाना सैयद रजा जिला चंदौली उत्तर प्रदेश निवासी मनोज कुमार सिंह उर्फ अरविंद पुत्र रतन सिंह को गिरफ्रतार कर लिया था। उनके पास से तलाशी के दौरान प्रतिबंधित माओवादी साहित्य, पुस्तकें व पम्पलेट बरामद हुए थे। पुलिस ने बताया कि मनीष पर वर्ष 2004 व 2007 में 10हजार रूपए का इनाम भी घोषित किया गया था। पूछताछ के दौरान यह भी उजागर हुआ कि उक्त दोनों व्यक्ति काफी समय से माओवादी गतिविधियों में संलिप्त रहे और उत्तराखण्ड जोनल समिति के सक्रिय सदस्य रहे। वर्ष 2003-04 के दौरान सोफटिया हांसपुर खत्ता थाना चोरगलिया नैनीताल में चलाये गये माओवादी कैम्प में भी उन्होंने भागीदारी की। इसदौरान पुलिस द्वारा दी गयी औचक दबिश में दोनों माओवादी बच निकलने में कामयाब रहे थे। उक्त कैम्प में रमेश माओवादी विचारधारा से लोगों को भड़काता था वहीं अरविंद कैम्प का व्यवस्थापक व मास्टरमाइंड था। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान पकड़े गये दोनो माओवादियों से कई और महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं।