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वन अनुसंधान संस्थान में पाॅलिथिन निषेध जानिए ख़बर

देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में विश्व पर्यावरण दिवस सप्ताह का शुभारम्भ संस्थान की निदेशिका डा0 सविता द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हमारे पर्यावरण की सुरक्षा हेतु जागरूकता एवं क्रियान्वयन करने हेतु एक उपर्युक्त मंच है। हम सभी को पर्यावरण और पृथ्वी की देखभाल हेतु कुछ न कुछ योगदान अवश्य करना चाहिए। यह योगदान हमारे अपने परिसर, सार्वजनिक पार्क, नालियों व सडकों आदि की सफाई से शुरू हो सकता है तथा स्थानीय, राष्ट्रीय या वैश्विक स्तर पर अनेक रूप में चलाया जा सकता है। उन्होने कहा कि प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस एक विशेष विषय पर आधारित होता है। यह विषय पर्यावरणीय चिन्ता एवं समस्याओं पर केन्द्रित होता है। वर्ष 2018 के लिए यह विषय ’’प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं’’ है तथा इस वर्ष भारत, विश्व पर्यावरण दिवस 2018 की मेजबानी कर रहा हैं। मेजबान देश का ध्यान पर्यावरण चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है तथा उन्हें सम्बोधित करने के प्रयासों का समर्थन करता है। विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का विषय हम सभी को इस बात पर विचार विमर्श करने हेतु आमंत्रित करता है कि हम अपने दैनिक जीवन में किस तरह का बदलाव करें कि हमारे प्राकृतिक स्थानों -संसाधनों, वन्य जीवन और निजी स्वास्थय पर प्लास्टिक प्रदूषण का न्यूनतम प्रभाव पडें। उन्होने कहा कि भले ही प्लास्टिक के कई अहम उपयोग हैं लेकिन एक बार उपयोग में आने वाले तथा उपयोग के बाद फेंक दिए जाने वाले प्लास्टिक पर हम सभी कुछ ज्यादा ही निर्भर हो चुके हैं। पाॅलिथीन बैग की लोकप्रियता के पीछे मुख्य कारण बाजार में उनकी आसान उपलब्धता है। पाॅलिथीन बैग अधिकांश जनता उपयोग कर रही है क्योंकि वे सस्ते, हल्के और वाॅटरप्रुफ हैं। अगर हम  पर्यावरण के लिए चिंतित हैं और पाॅलिथिन से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने की इच्छा रखते हैं, तो हमें प्रथम कडी मंे घरेलू स्तर पर प्रयुक्त होने वाले पाॅलिथिन का उपयोग समाप्त अथवा सीमित करना होगा। पाॅलिथिन उत्पादन में अप्रिय गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे श्रमिकों के साथ साथ अन्य को भी गम्भीर समस्याएं उत्पन्न होती है। फैक्ट्री में पाॅलिथिन निर्मित होने से लेकर इसके नष्ट होने तक पर्यावरण को इसके अनेकों दुष्प्रभावों से जूझना पडता है तथा यह अनेक गम्भीर बीमारियों का जनक है। इस समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वन अनुसंधान संस्थान परिसर में पाॅलिथीन प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने हेतु उपर्युक्त योजना बन चुकी है जिसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। उन्होने बताया कि वन अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के अवसर पर दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में एक स्टाॅल लगाएगी। इसके अलावा वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में भी अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस श्रंखला में आज कर्मचारियों, छात्रों, शोधार्थियों आदि की दस टीमों ने सम्पूर्ण एफ0आर0आई परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया। अभियान मंे पाॅलिथीन व अन्य अपशिष्ट उत्पादांे को एकत्र करके उसका निष्पादन किया गया। एफ0आर0आई0 में आगामी 5 जून को ’रन फाॅर एनवायरमेंट’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी प्रतिभाग हेतु आमंत्रित है। इस अवसर पर संस्थान में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा तथा संस्थान के सभी संग्रहालय आगंतुकों के लिए निःशुल्क खुले रहेंगे।

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