समाज की सोच में बदलाव महिला सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। दक्षिण एशियाई महिला शांति और सुरक्षा सम्मेलन में आज यहां भारत, बांग्लादेश, नेपाल, फिलीपिन्स और म्यामार से आये प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इस त्रासदी को दूर करने में केवल सरकार, न्यायपालिका और पुलिस के प्रयास ही काफी नहीं होंगे। देश में महिला-पुरूष आधारित भेदभाव और असमानता काफी गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि 21वीं सदी में भी महिलाओं को ऐसी यातनायें दी जा रही हैं। हाल के वर्षों में महिलाओं के विरूद्ध अपराध की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि होने के बारे में चर्चा करते हुए रिजिजू ने कहा कि कानूनी प्रावधानों को सख्त बनाये जाने के कारण ऐसी घटनायें अधिक संख्या में दर्ज की जा रही हैं और केवल ऐसे अपराधों का पंजीकरण अनिवार्य कर देना ही मददगार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि ऐसी घटनायें हो रही है और धरातल पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध होना गहरी सामाजिक समस्या का परिणाम है और ऐसा देश प्रगति का दावा नहीं कर सकता, जहां समाज में महिलायें सुरक्षित न हों। यह कोई पुरूष अथवा महिला का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह एक मानवता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए समुदाय, परिवार के सदस्यों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है और इस समस्या का समाधान हम में से प्रत्येक के भीतर है।