सरकार की भी भरपूर आलोचना होनी चाहिए : मोदी
बजट सत्र से पहले मीडिया से वार्ता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा की आज भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो स्थिति बनी है उसके कारण विश्व का ध्यान भी भारत के इस बजट सत्र पर है। पिछले कई दिनों से लगातार सभी दलों से विचार-विमर्श चल रहा है। औपचारिकता से ऊपर उठ करके विचार-विमर्श चल रहा है। one-to-one भी काफी बातें हो रही है। और यह विश्वास मेरा है, कि संसद का समय का सदुपयोग होगा, सार्थकचर्चाएं होगी। देश के सामान्य नागरिकों की जो आशाएं-अपेक्षाएं हैं, उन पर गहन चिंतन होगा। अब तक जितनी भी मीटिंगे हुई हैं, सभी विपक्ष के साथियों ने जो सकारात्मक रुख दिखाया है, आज से प्रांरभ हो रहे सत्र में, और आने वाले दिनों में, उसका पूरा-पूरा एहसास देशवासयिों को जरूर होगा। मैं आशा करता हूं कि सदन का उपयोग गहन विचार-विमर्श के लिए होना चाहिए। सरकार की भी भरपूर आलोचना होनी चाहिए। सरकार की कमियां भी उजागर होनी चाहिए। और वही एक मार्ग है लोकतंत्र को मजबूत बनाने का, जन-सामान्य की आशा-आकांक्षाओं को परिपूर्ण करने का।