स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल हो बिगाड़ी सबकी गणित
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सत्ता पर काबिज होने के भाजपा के लक्ष्य को आज उस समय पंख लग गए जब राज्य के ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पार्टी में शामिल हो गये। हाल ही में उन्होंने बसपा छोडी थी.विधायक यहां भाजपा अčयक्ष अमित शाह की उपस्थिति में भगवा दल में शामिल हुए और उन्होंने दावा किया है कि यदि उन्हें पार्टी नेतृत्व से भरपूर समर्थन मिलता है तो पार्टी राज्य में मजबूत बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव है. जून में बसपा छोडने से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे मौर्य ने कहा कि वह कमजोर तबकों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए कार्य से प्रभावित हैं. उन्होंने बसपा को औद्योगिक घराना बना देने तथा कथित रुप से टिकट बेचने को लेकर पार्टी प्रमुख मायावती की कडी आलोचना की. भाजपा में शामिल होने के उनके फैसले से उनके अगले कदम के बारे में चल रही अटकलों पर विराम लग गया है. दरअसल जब उन्होंने बसपा छोडी थी तब चर्चा थी कि वह सपा में जा सकते हैं और बाद में कई अन्य दलों ने भी उनसे संपर्क साधा था.उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, च्मैंने उपयुक्त समय पर उपयुक्त फैसला किया.श्श् बताया जाता है कि मौर्य की कुशवाहा, मौर्य, शाक्य और सैनी जैसे ओबीसी समुदायों के मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है. उन्होंने गौरक्षकों पर परोक्ष निशाना साधते हुए समाज को बांटने की कोशिश करने वाली सांप्रदायिक ताकतों की निंदा की. उसके बाद उन्होंने इस मामले पर पिछले दो दिनों के दौरान आए मोदी के बयानों की प्रशंसा की. बसपा में रह गए अपने कुछ समर्थकों और भाजपा नेतृत्व को एक संदेश देते हुए उन्होंने अपनी नयी पार्टी से अनुरोध किया कि भविष्य में जब भी वे इस दल में शामिल हों, तो उन्हें उचित सम्मान दिया जाए। मौर्य ने कहा, च्च्कई ऐसे विधायक भी हैं जो इस दल में शामिल होंगे. उन्होंने अपने साथ भाजपा में शामिल हुए कुछ पूर्व विधायको के नाम भी लिए। उन्होंने कहा कि मायावती पिछडी जातियों को हाशिये पर डाल रही हैं और वह 403 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में इस समुदाय को बस 26-27 सीटें ही दें सकती हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस समुदाय को 29 सीटें दी थीं और सभी के सभी जीत गए लेकिन बसपा ने महज 16 सीटें ही दी थी.