‘हर घर जल’ का सपना वर्ष 2030 तक साकार किया जाएगा: तोमर
केंद्र सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मार्च 2021 तक देश में लगभग 28000 प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने के लिए आज आर्सेनिक और फ्लोराइड पर राष्ट्रीय जल गुणवत्ता उपमिशन का शुभारंभ किया। राज्यों के सहयोग से यहां मिशन का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्वच्छता और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जहां एक ओर पश्चिम बंगाल आर्सेनिक की समस्या से बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान पेयजल में फ्लोराइड की मौजूदगी से जूझ रहा है, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 17 लाख 14 हजार ग्रामीण बस्तियां हैं, जिनमें से लगभग 77 फीसदी बस्तियों को प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 40 लीटर से भी ज्यादा सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। उधर, इनमें से लगभग 4 फीसदी बस्तियां जल गुणवत्ता की समस्याओं से जूझ रही हैं। मंत्री महोदय ने भाग ले रहे प्रतिनिधियों को यह आश्वासन दिया कि पेयजल एवं स्वच्छता की दोहरी चुनौतियों से निपटने के दौरान धनराशि मुहैया कराने के मामले में किसी भी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। 12 राज्यों के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रियों ने ‘सभी के लिए जल और स्वच्छ भारत’ पर आयोजित की गई राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया।