हाईकोर्ट ने मीडिया को लगायी कड़ी फटकार
चंडीगढ़। हाईकोर्ट की टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सफाई पेश की है और कोर्ट ने मीडिया संस्थानों को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने मीडिया को गलत रिपोर्टिंग के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि हमने 26 अगस्त को प्रधानमंत्री पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने यह सलाह मंगलवार को दी। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री है, हमने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की फिर भी कुछ मीडिया संस्थानों ने इसे प्रकाशित कर दिया। कुछ अखबारों ने भी छापा। मीडिया को ऐसी रिपोर्टिग नहीं करनी चाहिए। मीडिया ने हाईकोर्ट की टिप्पणी को गलत ढंग से पेश किया है। कोर्ट ने चेतावनी भरे लहजे में आशा जताई कि भविष्य में हाईकोर्ट की खबरों को गंभीरता से कवर किया जाएगा। जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही तीन जजों की पीठ ने कहा कि, जिस संदर्भ में यह बात कही गई थी, उसमें भी ऐसा कुछ नहीं था। असल में जिन मिडिया हाउसों ने यह कथित टिप्पणी उत्साहपूर्वक दी थी ,उन्होंने हाईकोर्ट की नाराजी भी छिपा ली ! हाईकोर्ट ही न्क्थित टिप्पणी को विपक्षी दल भी ले उड़े थे। सुनवाई के दौरान डेरे के वकील ने कहा कि पुलिस अकारण डेरों को सील कर रही है जिसपर कोर्ट ने कहा कि हमने किसी डेरे को सील करने के लिए नहीं कहा, केवल जांच के लिए कहा है। हमने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि डेरा में हथियारों जैसी कोई खतरनाक चीज न हो। आपको बता दें हाईकोर्ट की ये टिप्पणी मंगलवार को कुछ वकीलों की ओर से डेरा समर्थकों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर उठे सवाल पर की गई है। राम रहीम के समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ व आगजनी पर पुलिस व सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताई है। साथ ही कोर्ट ने कहा पुलिस कभी कमजोर और पीड़ित नजर नहीं आनी चाहिए। पुलिस को सख्त होना बेहद जरूरी है। हाईकोर्ट ने कहा, ‘युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी। ऐसी स्थिति को युद्ध की तरह ही निपटा जाना था, पुलिस और सुरक्षा बलों ने जिस सख्ती के साथ दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की उससे ऐसे लोगों में एक संदेश गया है की दोबारा अगर किसी ने इस तरह की हरकत की तो उनके खिलाफ भी ऐसी ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।’