IT कंपनी बंद कर हिरेशा ‘खेती’ में जुटी
उत्तराखंड में कई किसान खेती को घाटे का सौदा बताते हुए छोड़ रहे हैं तो युवा नौकरी के लिए पलायन कर रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड की बेटी ने नजीर पेश की है।एक दशक से भी अधिक समय तक आईटी कंपनी चलाने वाली शिमला बाईपास रोड निवासी हिरेशा वर्मा ने मशरूम उत्पादन को करियर बनाया है। मेहनत, लगन के बूते हर माह करीब 9 लाख रुपए कमाई के साथ 25 युवाओं को रोजगार भी दे रखा है।प्रदेश में खासकर पहाड़ों से किसान खेती छोड़कर पलायन करते जा रहे हैं। गांव के गांव खाली हो गए हैं तो पुश्तैनी भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। ऐसे में दून की हिरेशा उनके लिए तरक्की की मिसाल हैं, जो खेती को घाटे का सौदा बताते हुए मुंह फेर रहे हैं।12 साल तक आईटी कंपनी चलाने वाली हिरेशा ने शौकिया तौर पर वर्ष 2010 में दून के सर्वेंट क्वार्टर में 25 बैग कंपोस्ट से मशरूम उत्पादन शुरू किया। आज उनका अपर छरबा (देहरादून) में एक करोड़ रुपए का प्लांट है। इसे रोजाना 300 किलोग्राम मशरूम निकलता है।
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