यमन से सुरक्षित निकालने का अभियान- ‘राहत’
एक और चुनौतीपूर्ण व कठिन अभियान के तहत भारतीय नौसेना के पोत तरकश ने 10 अप्रैल को यमन के युद्धग्रस्त शहर अदन से विभिन्न राष्ट्रों के 464 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। स्वर्गीय श्री मनजीत सिंह के पार्थिव शरीर को आईएनएस तरकश से ही जिबूती लाया गया। अदन शहर में बमबारी के दौरान श्री सिंह बुरी तरह घायल हो गये थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गयी। वह हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर के रहने वाले थे। इस यात्रा के दौरान 46 भारतीय नागरिकों व 14 देशों के 422 लोगों को बंदरगाह वाले शहर अदन से सुरक्षित निकालकर 11 अप्रैल, 2015 को जिबूती पहुंचाया गया। सुरक्षित निकाले गये लोग सदमे में थे और भारतीय नौसेना के पोत पर सुरक्षित पहुंचकर उन्होंने राहत की सांस ली।
सुरक्षित निकाले गये लोगों में चार गर्भवती महिलाएं, एक कैंसर व किडनी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और दो कुपोषण के शिकार बच्चे थे। उन्हें तरकश पर तत्काल चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया करायी गयीं। अदन से सुरक्षित निकाले गये लोगों से पता चला कि शहर अब भी हौदियों के कब्जे में है और लगातार हो रही गोलीबारी की वजह वहां स्थिति बेहद गंभीर है। विषम परिस्थितियों में भी आईएनएस तरकश ने वहां के बंदरगाह से लोगों को निकालने का काम किया है। तरकश के क्रू ने बंदहगाह क्षेत्र व जेटी के आसपास गोलीबारी व बमबारी की सूचना दी है।
इससे पूर्व 9 अप्रैल, 2015 को आईएनएस सुमित्र ने अल-हौदिदा बंदरगाह से विदेशी नागरिकों सहित 349 लोगों को सुरक्षित निकाला था। जिबूती पहुंचने पर इथोपिया में भारत के राजदूत और कुवैत में बांग्लादेश के राजदूत ने सुमित्र की आगवानी की थी। सभी लोगों को जिबूती में सुरक्षित उतार लिया गया और 10 अप्रैल, 2015 को भारतीय वायुसेना के विमान और अन्य नागरिक विमानों से वहां से सुरक्षित आगे के लिए निकाला गया।
अब तक अदन की खाड़ी में तैनात किये गये भारतीय नौसेना के पोतों मुंबई, तरकश और सुमित्र ने 30 देशों के 964 नागरिकों समेत कुल 2671 लोगों को सुरक्षित निकाला है। यमन के तट पर तैनात किए गए भारतीय नौसेना के पोत अब भी ऑपरेशन ‘राहत’ के तहत लोगों को सुरक्षित निकालने के अभियान में डटे हैं।