अच्छी रचना भाषा की सीमा में नहीं बांधी जा सकतीः राज्यपाल
देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को होटल मधुबन में आयोजित ‘लिटरेचर एण्ड आर्ट फेस्टिवल’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि विभिन्न विधाओं के लेखकों, कलाकारों, शिल्पकारों के एक मंच पर आने से समाज एवं राष्ट्र के लिए उपयोगी परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पावन धरती वर्षों से लेखकों और कलाकारों को प्रेरणा देती रही है। साहित्य और आध्यात्म यहाँ के कण-कण में विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि साहित्य, संगीत और कला से विहीन मनुष्य साक्षात पशु के समान होता है। साहित्य और कला समाज के दर्पण होते हैं। यह समाज को आत्म अवलोकन करने का अवसर प्रदान करते है , आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते हैं। राज्यपाल ने कहा कि साहित्य और कला को आमजन के निकट ले जाना जरूरी है। अभिव्यक्ति को सदैव सहज और सरल बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। आज के व्यस्त जीवन में लोग पुस्तकों से दूर हो रहे हैं। विशेष रूप से युवा पीढ़ी में पुस्तकें पढ़ने की आदत कम हो रही है। इस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। बच्चों की रूचि के अनुरूप साहित्य विकसित करने पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। पुस्तकों के अनुवाद के महत्व को बताते हुए कहा कि ‘‘अच्छी रचना भाषा की सीमा में नहीं बांधी जा सकती है। हिन्दी की अच्छी पुस्तकें अंग्रेजी पाठकों को तथा अंग्रेजी की अच्छी पुस्तकें, हिन्दी के पाठकों को भी पढ़नी चाहिए। यह तभी सम्भव है जब पुस्तकों का अनुवाद किया जाए।‘‘ ‘‘गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जी की गीतांजलि जो मूलतः बांग्ला भाषा में लिखी गई थी, अंग्रेजी अनुवाद के बाद ही विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हुई। गीतांजलि को साहित्य का नोबल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।‘‘ उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यदि उस समय मुंशी प्रेमचन्द्र की रचनाओं का अंग्रेजी अनुवाद किया गया होता तो हिन्दी भाषी क्षेत्रों से बाहर निकल कर उनकी ख्याति का प्रसार और अधिक दूर तक होता। उन्होनें कहा कि ‘‘आधुनिक तकनीकि, इण्टरनेट और वैश्वीकरण ने हमारे लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक अवसर तो उपलब्ध कराये हैं परन्तु नई चुनौतियाँ भी प्रस्तुत की हैं। ऐसे में साहित्यकारों तथा कलाकारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं।‘‘उद्घाटन सत्र में संजीव चोपड़ा, रश्मि चोपड़ा, विवेक देबराॅय, लक्ष्मी शंकर बाजपेयी सहित देश के विभिन्न भागो से आये मूर्धन्य साहित्यकार, कलाकार एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।